आपदा प्रबंधन टीम ने मानिकपुर पोखरी और हसदेव नदी में किया मॉकड्रिल

कोरबा 23 जून। मौसम विभाग ने इस बार पर्याप्त बारिश होने की भविष्यवाणी की है। हालांकि समय से पहले मानसून के पहुंचने की भविष्यवाणी फेल हो गई है। इन सबके बीच आगामी दिनों का ख्याल करते हुए आपदा प्रबंधन विभाग अपनी ओर से मुस्तैदी दिखाने की कोशिश कर रहा है। कोरबा क्षेत्र में बाढ़ आने और इसमें फंसे लोगों को निकालने के लिए टीम ने यहां के मानिकपुर पोखरी और हसदेव नदी क्षेत्र में पहुंचकर मॉकड्रिल किया।

सरकार ने कोरबा जिले की आपदा प्रबंधन विभाग को मोटर बोट के साथ सर्च लाइट, इंडिकेटर लाइट, रस्सा सहित कई साजो सामान उपलब्ध कराया है। विभाग के पास 35 प्रशिक्षित गोताखोर हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले ट्रेनर प्रोग्राम को अटेंड कर चुके हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी पीण्बीण्सिदार के निर्देशन में विभाग की टीम ने बाढ़ नियंत्रण को लेकर अग्रिम तैयारी का डेमो दिखाया। उच्चाधिकारियों से प्राप्त निर्देशों पर विभाग की टीम जलीय क्षेत्रों में पहुंची। यहां पर इस तरह के नजारे दिखाए गए जैसे कि कोई व्यक्ति अतिवृष्टि की स्थिति में फंस गया हो और उसे बचाया जाना जरूरी है। सूचना मिलने के साथ सायरन बजाती मोटर बोट पानी में उतारी गई। लाइफ जैकेट के साथ प्रशिक्षित गोताखोर इसमें मौजूद रहें जिन्होंने संबंधित क्षेत्रों की ओर कूच किया और फिर अपने प्रयासों से पानी में डूब रहे व्यक्ति को किनारे लाया। यहां उसे प्रथम प्राथमिक चिकित्सा दी गई और अगली कार्यवाही की गई। आपात स्थिति में टीम को किस तरह से काम करना है और कुल मिलाकर संकट में फंसे लोगों को सुरक्षित करना है यह दिखाने का काम मॉकड्रिल के जरिए किया गया। इसके माध्यम से जवानों की क्षमता का आंकलन भी किया गया। इसके अलावा उन्हें हर हाल में शारीरिक और मानसिक स्तर पर मजबूत भी बनाया जाना है।

आपदा प्रबंधन अधिकारी और नगर सेना के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण होने वाली समस्या और लोगों के पानी में घिरने को लेकर डायल 112 और प्रशासन के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी होगी। इसे केंद्रीयकृत व्यवस्था से जोड़ा गया। अगली कड़ी में बताई गई लोकेशन के बारे में स्थानीय अमले को खबर दी जाएगी और फिर वह मौके के लिए रवाना होगा।

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