मरीजों और परिजनों को भोजन के साथ गौ-सेवा भी जारी
कोरबा 28 मई। सरकारी अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे मरीजों और उनकी देखभाल के लिए साथ में मौजूद परिजनों को नियमित भोजन के साथ ही गौ सेवा का काम भी बराबर चल रहा है। इसके अलावा और भी काम इसी के साथ-साथ जारी हैं। बड़ी बात यह है कि इधर क्रियान्वित करने के लिए किसी सरकारी सहयोग की जरूरत है ही नहीं । बल्कि यह आम लोगों के अंशदान से ऊंचाई प्राप्त कर रहे हैं। इसके जरिए उदाहरण पेश किया जा रहा है कि अच्छे काम भी बिना सरकारी मदद के होते हैं।
इस तरह की गतिविधियां कोई हफ्ते पखवाड़े, महीने से नहीं बल्कि लंबे समय से चल रही है कोरबा में। 7 वर्ष का समय इसे पूरा हो रहा है। छत्तीसगढ़ हेल्प वेलफेयर सोसाइटी इस काम को अंजाम देने में लगी हुई है। वर्ष 2015-16 से यह सिलसिला शुरू हुआ और फिर इसके बाद सोसायटी के सदस्यों ने पीछे देखने की आवश्यकता महसूस नहीं की। शुरू के 1 वर्ष में 52 सप्ताह बीतने पर विश्वास जागृत हुआ कि काम को आगे संचालित करने में समस्याएं शायद ही हो। कामकाज की जानकारी लोगों को हुई तो उन्होंने आगे बढ़कर सहयोग करना शुरू किया। कोरबा के सरकारी जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के साथ साथ उनकी देखरेख के लिए आने वाले लोगों को खासतौर पर भोजन के लिए दिक्कतें पेश आती रही है। उन्हें समय पर भोजन पहुंचा देने की व्यवस्था की गई है। सामान्य दिनों में सामान्य भोजन उपलब्ध कराने के साथ पर्व त्यौहार की खुशी दिखाने के लिए विशेष प्रबंध भी किए जाने शुरू किए गए जो अब तक जारी हैं। सेवा के शुरू होने से लेकर अब तक ऐसा कोई मौका नहीं आया जबकि किसी भी कारण से इसमें व्यवधान पड़ा।
इसी के साथ गौ सेवा के क्षेत्र में भी प्रयास जारी हैं। अपनी जानकारी में जहां कहीं गौवंश के साथ समस्या प्राप्त होती हैं, ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं। घायल गायों की चिकित्सा, आहार से लेकर मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार भी कराया जा रहा है सोसाइटी की अलग-अलग टीमें इन कार्यों में लगे हुए हैं। गरारी गांव में सोसाइटी में सीमित संसाधनों से उन लोगों के लिए रहने और भोजन की व्यवस्था कर रखी है जो एक तरह से बेसहारा हैं। इनमें कहीं से भटक कर आए हुए, अस्वस्थ, मनोरोगी शामिल है। ऐसे लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में देखे जाने पर पुलिस को इस बारे में जानकारी देने के बाद सोसाइटी उन्हें गिरारी के अपना घर आश्रम में बेचती है और समुचित देखभाल करती है। अच्छे परिणाम आने के बाद लोगों को विकल्प दिए जाते हैं। भोजन, गोवंश, संरक्षण के साथ पुनर्वास व रक्तदान को बढ़ावा देने का काम सोसाइटी कर रही है। इन कार्यों में यथासंभव लोगों की भागीदारी हो रही है। जहां पर संसाधनों का सवाल है समाज की उदारता इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभा रही हैं।