कोरबा 29 अप्रैल। अक्षय तृतीया पर होने वाले बाल विवाह को लेकर सरकारी अमला सतर्क हैं। अलग-अलग स्तर पर इसके लिए तैयारी की जा रही हैं। पिछले वर्ष 20 मामलों में लोगों को समझाइश दी गई थी और बाल विवाह को रोक दिया गया था।   

वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि सनातन काल से शुभ मानी गई हैं और मांगलिक कार्यों को लेकर इसका अपना विशेष महत्व है। अक्षय तृतीया पर विभिन्न स्थानों पर बाल विवाह किए जाने की तस्वीरें पेश आती हैं। कोरबा में प्रशासन इसे लेकर सजग है। आईसीडीएस के डीपीओ एमडी नायक ने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा नारा लेखन कराया जा रहा है ताकि लोगों को जागरुक किया जा सकेण् बताया गया कि जनजाति समाज में बाल विवाह को लेकर विकृति मौजूद है । समझाइश देने के साथ लोगों को बच्चों का विवाह कम उम्र में नहीं करने के लिए तैयार किया जा रहा है। बताया गया कि पिछले वर्ष कई प्रकार की शिकायतें विभाग के पास आई थी चार मामलों में संबंधित वर.वधू को बालिग पाया गया जबकि शेष 20 मामलों मैं नियम की जानकारी देकर विवाह रोक दिए गए। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोके जाने को लेकर कोरबा जिले के अधिकारी अभी से कई प्रकार के दावे कर रहे हैं। इन दावों का सच जानने के लिए अक्षय तृतीया तक का इंतजार तो करना ही होगा।

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