खदान में कोयला कर्मियों की लगेगी बायोमेट्रिक हाजिरी, सर्कुलर जारी
कोरबा 19 अप्रेल। कोरबा जिले की कोयला खदान में कार्यरत अधिकारी/ कर्मचारी बायोमेट्रिक हाजिरी लगा कर ड्यूटी जा सकेंगे और छुट्टी होने पर बाहर निकल सकेंगे। प्रबंधन ने सर्कुलर जारी कर सभी खदान क्षेत्र में बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू करने कहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए कोल इंडिया लिमिटेड सीआईएल ने एसईसीएल समेत सभी आनुशागिक कंपनियों को 20 अप्रैल 2021 सरकुलर जारी किया था। इसमें ड्यूटी आने वाले कोयला कर्मियों की हाजिरी बायोमेट्रिक के बजाए उपस्थिति रजिस्टर में दर्ज करने कहा गया था।
इसके साथ ही सभी कार्यालयों में वीडियो कांफ्रेंसिंग व वर्चुअल मोड के माध्यम से बैठक होगी और आइटीए ई-आफिस का अधिकतम उपयोग करने कहा गया था। ताकि कर्मियों संक्रमण न फैल सके। सीआईएल के महाप्रबंधक श्रम शक्ति व औद्योगिक संबंध अजय कुमार चौधरी ने कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण के मामले की वजह से कंपनी ने यह कदम उठाने कहा था। अब कोरोना संक्रमण के मामले न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होते जा रही है। ऐसी स्थिति में आमजनों को छूट भी मिलती जा रही है। कोयला प्रबंधन ने भी अब पुनः बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने की छूट पर भी रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। कोयला कर्मियों की अब रजिस्टर में हाजिरी नहीं लगेगी। सर्कुलर जारी होने के बाद स्थानीय प्रबंधन ने इसकी तैयारी शुरु कर दी है। मशीनों की आवश्यक मरम्मत कार्य कराया जा रहा है। नियमतः एक अप्रैल से इसे लागू कर दिया जाना था, पर तकनीकी कारणों की वजह से अधिकांश खदानों में बायोमेट्रिक हाजिरी व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है। संभावना जताई जा रही है कि आगामी एक मई से सभी खदान में यह नियम अनिवार्य रूप से लागू हो जाएगा। इसके लिए श्रमिक संघ प्रतिनिधियों से भी चर्चा कर मशविरा लिया जा रहा है, ताकि किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।
कोल इंडिया के महाप्रबंधक श्रम शक्ति व औद्योगिक संबंध अजय कुमार चौधरी ने सभी कंपनियों को सर्कुलर जारी कर बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू करने कहा है। एसईसीएल के जनसंपर्क अधिकारी डॉ.सनीश चंद्र का कहना है कि इसकी तैयारी की जा रही है और जल्द ही सभी खदान में व्यवस्था शुरु हो जाएगी।
रजिस्टर में हाजिरी लगाए जाने से फर्जीवाड़ा व्यापक पैमाने पर शुरु हो गया था। कर्मचारी ड्यूटी नहीं जाते थे या आधी ड्यूटी कर घर लौट जाते थे और उनकी उपस्थिति दर्ज हो जाती थी। इससे कंपनी को नुकसान उठाना पड़ रहा था। इस कार्य में श्रमिक संघ प्रतिनिधियों की संख्या अधिक रहती थी। विजिलेंस जांच के दौरान यह मामला सामने आने पर खदान क्षेत्र से रजिस्टर समेत अन्य दस्तावेज भी जब्त किए गए थे। बायोमेट्रिक हाजिरी से फर्जीवाड़े पर रोक लगने की संभावना जताई जा रही है।