हर मंगलवार

कारवां
(15 फरवरी 2022)

अनिरुद्ध दुबे

छत्तीसगढ़ की हवाई सेवा पर यह कह गए ज्योतिरादित्य

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया राजधानी रायपुर में यह बड़ी बात कह गए कि “छत्तीसगढ़ सरकार से जमीन नहीं मिलने के कारण यहां का हवाई सेवा का विस्तार अटका हुआ है। राजधानी रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा शुरु करने के लिए 24 एकड़ जमीन की आवश्यकता थी। अब तक इसका अधिग्रहण कर इसे सौंपने का काम यहां की सरकार ने नहीं किया है। यही हाल बिलासपुर का है। वहां 350 एकड़ जमीन अभी तक नहीं मिली है।“ पूरे प्रदेश की बात करें तो रायपुर एयरपोर्ट की ही स्थिति कुछ ठीकठाक है। न्यायधानी बिलासपुर की बात करें यहां के एयरपोर्ट के विस्तार के लिए सेना की जमीन के बड़े हिस्से की ज़रूरत बताई जा रही है। बिलासपुर के चकरभाठा एयरपोर्ट से 72 सीटर विमान दिन की रोशनी में ही आना-जाना कर पाते हैं। कहने को तो बिलासपुर से जबलपुर, प्रयागराज एवं दिल्ली के लिए हवाई सुविधा मिली हुई है लेकिन पूर्व में ऐसा भी हो चुका है कि रोशनी की कमी के कारण विमान को रायपुर में उतारना पड़ा। रन वे की लंबाई कम होने के कारण बोइंग या एयरबस जैसे विमान तो बिलासपुर में उतर ही नहीं सकते। इससे पहले छत्तीसगढ़ में 15 साल जब डॉ. रमन सिंह की सरकार रही घरेलू विमान सेवा शुरु करने का आम जनता को बड़ा सपना दिखाया गया था। कहा यही जाता रहा था कि रायपुर, जगदलपुर, बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा एवं अंबिकापुर के बीच घरेलू उड़ान सेवाएं होंगी। पिछली सरकार व्दारा दिखाया गया यह सपना कागज़ों में ही सीमित होकर रह गया।

कांग्रेस का छग स्टाइल वाला चुनावी घोषणा पत्र यूपी में भी

2018 के विधानसभा चुनाव में 90 में से 68 सीट जो कांग्रेस को मिली वह ऐतिहासिक जीत अब तक दिल्ली के कांग्रेस नेताओं के दिमाग के किसी कोने में बैठी हुई है। पिछले साल असम में जब विधानसभा चुनाव हुआ वहां कांग्रेस की तरफ से बहुत सी घोषणाएं जो की गई थीं वह छत्तीसगढ़ से ही ली गई थीं। अब उत्तरप्रदेश के चुनाव में भी छत्तीसगढ़ के असरदार कांग्रेस नेताओं की ख़ूब पूछपरख हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का उत्तरप्रदेश लगातार बुलावा होते रहा। बघेल के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी तो मानो उत्तरप्रदेश के ही होकर रह गए हैं। तिवारी जी प्रियंका गांधी की गुड लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। बाकी छत्तीसगढ़ के और कांग्रेस नेताओं की भी प्रचार के लिए उत्तरप्रदेश दौड़ जारी रही। छत्तीसगढ़ के अधिकांश कांग्रेस नेता छाती ठोंककर कह रहे हैं देखा हमारे चुनावी घोषणा पत्र में शामिल रहे कितने ही वादों को उत्तरप्रदेश के भी घोषणा पत्र में भी जगह मिली है। वहां प्रियंका जी ने जो घोषणा पत्र जारी किया उसमें सरकार बनने पर दस दिनों के भीतर किसानों का कर्ज़ा माफ करने का वादा किया गया है। इसी वादे पर ही छत्तीसगढ़ में प्रचंड बहूमत से कांग्रेस की सरकार बनी। इसके अलावा उत्तरप्रदेश में बिजली बिल हाफ करने का वादा किया गया है जो छत्तीसगढ़ में भी किया गया था। उत्तरप्रदेश में 2 रुपये किलो गोबर खरीदने की बात कही गई है और यह काम छत्तीसगढ़ में ख़ूब हो रहा है।

अब बंधक मजदूरों को छुड़वाने की चुनौती

आरंग विधानसभा क्षेत्र जो पिछले कई हफ्तों से अवैध कॉलोनी के निर्माण एवं जमीन माफ़ियाओं के कारण सुर्खियों में है वहां से एक और चौंकाने वाली ख़बर सामने आई है। बताया जा रहा है कि आरंग जनपद में आने वाले ग्राम मालीडीह के क़रीब 37 मजदूर पुणे (महाराष्ट्र) में बंधक बनाकर रख लिए गए हैं। बंधक बनाकर रखे गए लोगों में कुछ बाल श्रमिक भी हैं। ये लोग वहां ईंटा भट्टा में काम करने गए थे। इस तरह आरंग के विधायक एवं छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया को इन दिनों एक के बाद एक नई समस्या से दो-चार होना पड़ रहा है। आरंग में जमीनों की अवैध प्लाटिंग का एपिसोड मीडिया में खूब चला। फिर नया रायपुर के किसानों का आंदोलन सामने आ गया। चूंकि नया रायपुर का एक बड़ा हिस्सा डॉ. डहरिया के विधानसभा क्षेत्र में आता है अतः यह आंदोलन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने खड़ा है। वहीं पुणे में बंधक मजदूरों को छुड़वाकर लाना भी अपने आप में बड़ी चुनौती है।

कोरे नहीं रहे आर पी चाचा

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे की शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया में छाई रहीं। बताते हैं कांग्रेस प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने मुखिया से कहा था कि भतीजे की शादी है क्या चाचा लोग कोरे ही रहेंगे। मुखिया भला आरपी जैसे अपने समर्थक को क्यों निराश करते। मुखिया बोले जहां ठीक लगे नाप देकर बनवा लो। बताते हैं आरपी समेत मुख्यमंत्री के 11 निकट सहयोगियों ने राजधानी रायपुर के बैजनाथपारा के एक मशहूर टेलर के यहां कुर्ता, पायजामा एवं जैकेट का नाप दिया। टाइम पर कपड़े सिलकर मिल भी गए। साथ ही सभी के नये जूते मोजे भी आ गए। भतीजे की शादी में इन सभी 11 के चमकते चेहरे देखते ही बन रहे थे। बिलकुल प्रदेश के कका की तरह। वैसे भी आरपी के प्रति कका का प्रेम कोई आज का नहीं, काफ़ी पुराना है। पूर्व में आरपी के व्यापक अनुभवों को देखते हुए उन्हें शराब से जुड़े छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें लगाई जाती रही थीं। अटकलों के उस दौर को साल भर से ऊपर का समय बीत चुका, ब्रेवरेज कार्पोरेशन का अध्यक्ष पद अब भी खाली है। पद नहीं मिलने पर भी आरपी कभी मायूस नज़र नहीं आए। कका के प्रति उनकी आस्था बरकरार है।

रायपुर नगर निगम में वेतन के लाले

रायपुर नगर निगम की पिछले तीन महीनों से माली हालत आख़िर इतनी खराब कैसे हो गई यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है। बताते हैं यहां के जनरल फंड में क़रीब 10 करोड़ की देनदारी है। कर्मचारियों के वेतन के लाले पड़े हुए हैं। बड़ी मुश्किल से 10 तारीख के बाद तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का वेतन हो पा रहा है। अफ़सरों का वेतन तो 15 तारीख के उस पार जा रहा है। बड़े अफ़सर लोग ठेकेदारों को पुचकार कर बड़ी मुश्किल से काम करवा पा रहे हैं। आख़िर ठेकेदारों के भी धैर्य की कोई सीमा है। जब उनके खाते में पैसे ही ना जाएं तो वे भी कब तक साथ दे पाएंगे। सबसे बुरा हाल तो उन पेंशनरों का है जिन्होंने अपने जीवन के 40 से 42 साल नगर निगम में सेवाएं दी थीं। उनके ग्रेच्यूटी एवं समूह बीमा की राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। अवकाश नगदीकरण का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। इस तरह पेंशनरों की बड़ी रकम रूकी हुई है। निगम कमिश्नर प्रभात मलिक पिछले 18 जनवरी से पितृत्व अवकाश पर हैं। उनके जल्द दफ्तर लौटने की संभावना है। हो सकता है उनकी लंबी छुट्टी से वापसी के बाद आर्थिक मसले को सुलझाने की दिशा में कोई बड़ा कदम उठे। तब तक महापौर एजाज़ ढेबर इस समय छत्तीसगढ़ से बाहर हैं उनकी भी जल्द दफ़्तर वापसी की संभावना है। जब निगम में महापौर एवं कमिश्नर दोनों मौजूद रहेंगे तभी कोई ठोस समाधान निकल पाएगा।

आरडीए1- कैसे सुधरे माली हालत?

रायपुर विकास प्राधिकरण (आरडीए) की माली हालत कैसे सुधरे इस पर वहां बैठे पदाधिकारी एवं अधिकारी लगातार चिंतन-मनन करते आ रहे हैं, लेकिन समाधान दूर-दूर तक नज़र नहीं आता। आरडीए के शीर्ष पुरुष अपने बेहद क़रीबी लोगों से यही कहते रहे हैं कि संस्था को कर्ज़ मुक्त करना मेरी पहली प्राथमिकता है। पहले क़रीब 800 करोड़ का कर्ज़ था जो अब घटकर 350 करोड़ के आसपास रह गया है। कमल विहार में 19 लाख के मकान का विज्ञापन निकाला गया है, अंदर की ख़बर रखने वाले लोग बताते हैं इसका रिस्पांस कमज़ोर देखने में आ रहा है।

आरडीए2- तीन को बिठा गए साहब

आरडीए को लेकर न जाने क्यों ऐसी धारणा बनी हुई है कि जैसी मर्ज़ी आए इसे चला लो। बीच में एक बड़े अफसर यहां पदस्थ थे। न जाने क्यों उन्हें आरडीए का स्टाफ कम लगने लगा और 3 लोगों को बतौर सलाहकार यहां बिठा दिए। दो युवक और एक युवती। एक युवक एकाउंट और दूसरा सिविल का काम देखता है, वहीं युवती स्टेनो है। साहब तो जुगाड़ बिठाकर आरडीए से निकल लिए लेकिन इन तीन लोगों को छोड़ गए। इन तीन का आर्थिक भार तो आखिर आरडीए को ही झेलना है।

जनसंपर्क में कोरोना विस्फोट

प्रदेश भर में ख़बर पहुंचाने वाले छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग की खुद से जुड़ी ख़बरें अक्सर दफ़्तर की चहारदीवारी तक ही सीमित होकर रह जाती हैं। हाल ही में रायपुर में जनसंपर्क विभाग के दफ़्तर में जो कोरोना विस्फोट हुआ उसकी ख़बर बहुत कम लोगों को ही हो पाई। पिछले दिनों जनसंपर्क विभाग के अधिकारीगण पवन गुप्ता, ललित चतुर्वेदी, घनश्याम केशरवानी एवं रीनू ठाकुर कोरोना पॉजिटिव हो गए। इनमें से गुप्ता एवं केशरवानी तीन बार यानी कोरोना की हर लहर में पॉजिटिव हुए और बाकी लोग दो बार।

कारवां @ अनिरुद्ध दुबे, सम्पर्क- 094255 06660

Spread the word