मुख्यमंत्री ने किया डायरेक्ट भवन अनुज्ञा स्कीम व साफ्टवेयर का वर्चुअल इनोग्रेशन
कोरबा 4 जनवरी। प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शासन की जनहितैषी योजना डायरेक्ट बिल्डिंग परमीशन स्कीम का शुभारंभ करते हुए स्कीम के साफ्टवेयर का वर्चुअल रूप से इनोग्रेशन किया। इस मौके पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, विभाग की प्रमुख सचिव अलरमेल मंगई डी., संचालक श्री सौमिल रंजन चौबे उपस्थित थे। इस मौके पर नगर निगम कोरबा के व्ही.सी.कक्ष में महापौर श्री राजकिशोर प्रसाद एवं आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा ने उपस्थित रहकर योजना के संबंध में मुख्यमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया।
छत्तीसगढ़ सरकार की विभिन्न जनहितैषी एवं लोक कल्याणकारी योजनाओं की अगली कड़ी के रूप में डायरेक्ट बिल्डिंग परमीशन स्कीम क्रियान्वित की गई है। आज उक्त स्कीम का वर्चुअल रूप से शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के करकमलों से किया गया। उन्होने स्कीम का शुभारंभ करते हुए इससे संबंधिम साफ्टवेयर का इनोग्रेशन किया तथा विभिन्न नगरीय निकायों में उपस्थित महापौर, आयुक्त व संबंधित अधिकारियों का योजना के संबंध में मार्गदर्शन किया। इस योजना के तहत 500 वर्गमीटर तक के क्षेत्रफल में आवासीय भवनों के निर्माण हेतु मानव हस्तक्षेपरहित डायरेक्ट भवन अनुज्ञा का सिस्टम लागू किया गया है, योजना के तहत भवन अनुज्ञा आवेदन शुल्क मात्र 01 रूपये रखा गया है, इस स्कीम के लागू होने से आवेदक को अपना प्रकरण अपलोड होने की तिथि की जानकारी ओ.टी.पी. के माध्यम से तुरंत होगी, साथ ही भवन अनुज्ञा प्राप्त करने हेतु आवेदक को समय की बचत होगी, अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी, फीस में नियमितता आएगी तथा सिस्टम के अंतर्गत उच्चाधिकारियों द्वारा इसकी मानीटरिंग भी की जा सकेगी तथा भवन निर्माण अनुमति अत्यंत सहज व सुगम हो जाएगी।
स्कीम के तहत भवन अनुज्ञा की प्रक्रिया- इस स्कीम के तहत पंजीकृत वास्तुविद द्वारा नियमानुसार प्राक्कलन नक्शा तैयार कर स्वयं के कम्प्यूटर में जांच की जाएगी तथा जब आवेदक की सहमति होगी, उसके पश्चात उसे अपलोड किया जाएगा, जिसकी जानकारी ओ.टी.पी. के माध्यम से संबंधित आवेदक को प्राप्त हो जाएगी। आवेदन शुल्क 01 रूपये के साथ दस्तावेज अपलोड होने के बाद विभागीय जांच पश्चात डायरेक्ट भवन अनुज्ञा जारी हो जाएगी। उसके पश्चात संबंधित इंजीनियर अधिकारियों द्वारा दस्तावेज की जांच व आवश्यक होने पर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा, दस्तावेज सही नहीं पाए जाने पर प्रकरण 15 दिवस के भीतर एक बार रि-असाईन किया जाना है अन्यथा दस्तावेज सही पाए जाने के पश्चात पोस्ट अपु्रवल फीस 15 दिवस के अंदर जमा की जा सकेगी।