विनिवेशीकरण के विरोध में बैंक कर्मियों की हड़ताल से 300 करोड़ का कारोबार प्रभावित
कोरबा 17 दिसंबर। सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंक कानिजीकरण, विनिवेशीकरण किए जाने के प्रस्ताव के विरोध में सभी राष्ट्रीयकृत बैंक के अधिकारी. कर्मचारी संयुक्त रुप से दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। घंटाघर के समीप स्थित एसबीआई के सामने कर्मियों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया। आंदोलनकारियों ने लगभग तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित होने का दावा किया है।
जिले में स्थित राष्ट्रीय बैंक की लगभग 90 शाखाएं संचालित हैं और इनमें लगभग 300 अधिकारी-कर्मचारी कार्यरत हैं। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस यूएफबीयू के बैनर तले सभी संगठन आइबीओसीए,आइबीइए, एनसीबीइए, एआइबीओए, बीइएफआइ, आइएनबीइएफ, एएनबीओसी, एनओबीडब्ल्यू व एनओबीओ के संयुक्त रुप से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था। केंद्र सरकार की ओर से सकारात्मक पहल नहीं होने पर कर्मी एकजूट होकर हड़ताल पर चले गए। गुरूवार को सभी बैंकों में ताले लटके रहे और कर्मचारी-अधिकारी काम पर नहीं पहुंचे। सुबह 11 बजे घंटाघर स्थित भारतीय स्टेट बैंक एसबीआइ, की शाखा के सामने सभी कर्मी एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इस दौरान वक्ताओं ने उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार की जनविरोधी बैंकिंग, आर्थिक नीतियों का पालन कर रही है, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के निजीकरण व विनिवेशीकरण किए जाने का रास्ता अख्तियार किया जा रहा है। इसे छोटे व मध्यम उद्यमियों, व्यापारियों, स्वरोजगारी के साथ ही आमजन, पेंशनभोगी को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की इस नीति की वजह से स्थाई नौकरी छिन जाएगी और कमजोर वर्ग के लोगों को लाभ नहीं मिल पाएगा। नीति से कारपोरेट व बड़े घरानों को अधिक लाभ मिलेगा। आंदोलनकारियों ने दावा किया है कि हड़ताल से तीन सौ करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है। साथ ही ग्राहकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।