मुख्यमंत्री सुपोषण अभियानः आंगनबाड़ी में खिलाए अण्डे और चिक्की से संवरा कृषिका का बचपन
बढ़ा तीन किलो वजन, कुपोषण से मिली मुक्ति, अब हुई स्वस्थ
कोरबा 2 दिसम्बर। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से जिले की महिलाएं और बच्चे कुपोषण से मुक्त हो रहे हैं। योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले पौष्टिक आहार स्वादिष्ट होने के साथ महिलाओं और बच्चों को कुपोषण से मुक्ति भी दिला रहे हैं। एकीकृत बाल विकास परियोजना पाली के सेक्टर रजकम्मा में आंगनबाड़ी केन्द्र जूनापारा में बालिका कृषिका मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत लाभान्वित होकर कुपोषण से मुक्त हो गई हैं। जन्म के समय कम वजन की कृषिका अब पोषण स्तर के सामान्य श्रेणी में आ गई हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत कृषिका को आंगनबाड़ी के माध्यम से पौष्टिक रेडी-टू-ईट भोजन दिया गया। साथ ही पौष्टिक चिक्की और अण्डे भी दिया गया। आंगनबाड़ी में दिए गए स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक आहार और स्वास्थ्य सलाह से कृषिका कुपोषण से मुक्त हो चुकी हैं।
बालिका कृषिका कम खाने व देखभाल में कमी होने के कारण कमजोर हो गई थी। जिसके कारण उसका पोषण स्तर मध्यम कुपोषित श्रेणी में आ गया था। कृषिका का वजन छह किलो 800 ग्राम था और लंबाई 84.3 से.मी. थी। कृषिका के पोषण स्तर में सुधान लाने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत बच्ची को इस योजना से जोड़ा गया। कृषिका को आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से पौष्टिक गरम भोजन खिलाया गया। पौष्टिक आहार में चांवल, रोटी, दाल, दो सब्जी, आचार, पापड़, सलाद, गुड, अण्डे, चिक्की दिया गया। लगातार आंगनबाड़ी के माध्यम से पौष्टिक आहार मिलने से कृषिका के पोषण स्तर में सुधार होने लगा। साथ ही उसे मुख्यमंत्री बाल संदर्भ शिविर में चिकित्सकीय स्वास्थ्य जॉच कराया गया एवं दवाई वितरण भी किया गया। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा नियमित गृह भ्रमण कर स्वच्छता एवं पोषण के संबंध में कृषिका के माता-पिता को जागरूक कर गरम भोजन के लिए बच्चे की आंगनबाड़ी केन्द्र में नियमित उपस्थिति सुनिश्चित की गई। लगातार अच्छे पौष्टिक आहार मिलने से कृषिकाका वजन 27 माह में 9.7 कि.ग्रा. हो गया। जिससे कृषिका का पोषण स्तर सामान्य हो गया। कृषिका के पोषण स्तर में सुधार मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत दिए गए पौष्टिक आहार और जरूरी स्वास्थ्य सलाह के कारण संभव हो पाया है। योजना के फलस्वरूप कृषिका स्वस्थ्य एवं कुपोषण मुक्त हो पाई है।