कोयला साइडिंग में खाली मालगाड़ी का इंजन हुआ बेपटरी
कोरबा 16 अक्टूबर। कोयला लदान के लिए साइडिंग में प्रवेश कर रही एक खाली मालगाड़ी का इंजन बेपटरी हो गया। न्यू कुसमुंडा स्थित एक निजी कोयला लोडिंग प्वाइंट की इस घटना में इंजन के छह पहिए एक-एक कर पटरी से उतर गए। सूचना मिलने पर कोरबा रेलवे स्टेशन की यार्ड से दुर्घटना राहत दल एआरटी कुसमुंडा पहुंच गई और व्यवस्था बहाल करने जुट गई, जिसके कुछ घंटे बाद ही इंजन को पुनः पटरी पर ले आया गया।
शुक्रवार की सुबह मुख्यालय बिलासपुर की ओर से एक सूचना कोरबा भेजी गई थी। बिलासपुर मुख्यालय से प्राप्त टेलीफोनिक सूचना में यह बताया गया कि न्यू कुसमुंडा एसईसीएल प्राइवेट साइडिंग नंबर-एक में गाड़ी संख्या एन-बाक्स एमटी का डिरेलमेंट हो गया। सूचना प्राप्ति पर रेलवे सुरक्षा बल कोरबा पोस्ट में कार्यरत उप निरीक्षक आरएस चंद्रा मातहत बल सदस्य के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए। घटना स्थल न्यू कुसमुंडा एसईसीएल प्राइवेट साइडिंग नंबर-एक पर पहुंचने पर संबंधित विभाग के साथ निरीक्षण के दौरान पाया किए गाड़ी संख्या एन-बाक्स एमटी का इंजन क्रमांक 31252/डब्लयूएजी-7 का छह पहिया प्लेसमेंट के दौरान सुबह करीब साढ़े आठ बजे रेल लाइन में कोल डस्ट जमाव होने से चेक रेल जाम होने के कारण डिरेलमेंट होना पाया गया। कोयला लदान को लेकर तेजी पर तो जोर दिया जा रहा, पर रेल लाइन के सुधार और मरम्मत को लेकर लगातार अनदेखी जा रही, जिससे इस तरह की घटनाएं बार-बार हो रहीं हैं। इस पर अंकुश लगाने और व्यवस्थाएं सुधारने रेलवे की ओर से गंभीर कदम उठाने की जरूरत महसूस हो रही।
इंजन के छह पहियों के डिरेलमेंट की यह घटना शुक्रवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे की है, जिसके बाद न्यू कुसमुंडा की इस लाइन पर कोयला लोडिंग व आवागतन का कार्य बाधित रहा। लगातार कोयला डिस्पैच के कार्य से व्यस्त रहने वाले साइडिंग में अक्सर छुट-पुट घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिनमें से कुछ के बारे में जानकारी आम हो जाती है, तो अनेक घटनाओं का पता तक किसी को नहीं चल पाता। इसके बद भी सुधार को लेकर गंभीरता नहीं बरती जा रही। संबंधित विभाग ने तीन घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 11.25 बजे रिरेल का कार्य पूर्ण कर लिया।
इस संबंध में रेसुब से जारी की गई जानकारी के अनुसार न्यू कुसमुंडा एसईसीएल प्राइवेट साइडिंग के अंदर की है। इस घटना के लिए न्यू कुसमुंडा में काम देख रही की प्राइवेट साइडिंग को जिम्मेदार ठहराया गया। इस घटना में किसी प्रकार का अपराधिक हस्तक्षेप नहीं पाया गया है। यह पहली बार नहीं है जो रेलवे प्रशासन के अधिकृत क्षेत्र से बाहर निजी क्षेत्र में संचालित कोयला लोडिंग प्वाइंट पर इस बार डिरेलमेंट की घटना हुई है। कुसमुंडा से दीपका तक पहले भी कई बार कभी मालगाड़ी के पहियों तो कई बार एक से ज्यादा वैगनों के बेपटरी होकर गिरने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।