आतंकियों के साथ ताजा मुठभेड़ दर्शाती है पाक सेना घुसपैठ करवाने से बाज नहीं आएगी
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी घुसपैठ क्योंकि कश्मीर में आतंकियों की कमी से मर रहा आतंकवाद
–सुरेश एस डुग्गर–
जम्मू 12 अक्टूबर। आने वाले दिनों में एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर के बरास्ता घुसपैठ और बढ़ेगी क्योंकि कश्मीर में आतंकियों व गोला बारूद की कमी के कारण पाक सेना तिलमिला उठी है। एलओसी पर आज की ताजा मुठभेड़, जिसमें सेना के पांच जवान शहीद हो गए, को सेनाधिकारी इन्हीं प्रयासों के साथ जोड़ कर देखते थे।
खुफिया एजेंसियों ने सेना को पहले ही इस बारे में सूचित कर दिया था कि आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर सीमा पर घुसपैठ के प्रयास तेज होंगे। उन्होंने कहा कि बर्फबारी शुरू होने वाली है। इससे पहले कि घुसपैठ के सभी रास्ते बंद हों, आतंकी संगठनों ने उस कश्मीर में डेरा डाले अपने साथियों को भारतीय सीमा में घुसने के प्रयास तेज करने को कहा है। इस बात की पुष्टि यहां से भी हो जाती है कि पिछले दो महीनों के दौरान जम्मू कश्मीर में जिला पुंछ, राजौरी और उड़ी सेक्टर से आतंकियों ने 8 बार घुसपैठ का प्रयास किया है। इन मुठभेड़ों में एक दर्जन से अधिक आतंकी मार गए हैं।
ऐसी सूचनाएं भी मिल रही हैं कि कश्मीर में आतंकी संगठनों पर कसते सुरक्षाबलों के शिकंजें की वजह से आतंकवादियों व उनके सहयोगियों का मनोबल लगातार गिर रहा है। यही नहीं सुरक्षाबलों ने घाटी में सक्रिय मुख्य आतंकवादी संगठनों के लगभग सभी कमांडरों को ढेर कर दिया है। ऐसे में उन्हें गाइड करने वाला भी अब कोई नहीं रह गया है। ऐसे में पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों के आकांओं को यह चिंता भी सता रही है कि यदि जल्द से जल्द घाटी में आतंकियों तक कोई मदद नहीं पहुंची तो उनका सपना अधूरा रह जाएगा।
इससे पहले गत नवंबर 2020 में करीब तीन आतंकवादियों ने मच्छल सेक्टर से भारतीय सीमा में घुसपैठ का प्रयास किया था। सेना के सतर्क जवानों ने घुसपैठ के इस प्रयास को नाकाम बनाते हुए तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। हालांकि इस मुठभेड़ में सेना के तीन जवान भी शहादत पा गए थे।
वैसे घुसपैठ केे प्रयास कम नहीं हुए हैं। पिछले दो महीनों के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में 8 घुसपैठ के प्रयास किए और इसमें उसी को मुंह की खानी पड़ी। आज सोमवार को जिला पुंछ के सुरनकोट सेक्टर में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ कर आए आतंकियों की धरपकड़ के लिए सेना ने जब तलाशी अभियान चलाया तो वह मुठभेड़ में बदल गई और इसमें सेना केे जेसीओ समेत पांच जवान शहीद हो गए।
इसी वर्ष फरवरी में भारत और पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने फ्लैग मीटिंग कर संघर्ष विराम को फिर से लागू करने की राय बनाई थी। भारत ने इस पर ईमानदारी से अमल किया परंतु पाकिस्तान ने संघर्ष विराम की आड़ में एलओसी से सटे इलाकों में आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप फिर से सक्रिय करने के साथ घुसपैठ के प्रयास भी तेज कर दिए हैं।