बांगो बांध का जल स्तर 0.52 मीटर हुआ कम

कोरबा 30 सितम्बर। बांगो बांध का गेट बंद होने के पखवाड़े भर बाद जल स्तर 0.52 मीटर कम हो गया है। विद्युत सयंत्र को 72 घंटे चलाकर पानी छोड़े जाने से यह स्थिति निर्मित हुई है। पानी छोड़ने का असर दर्री बांध पर पड़ रहा है। बांध के आठ नंबर गेट को खोलकर 6000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अभी भी बांध के दाएं व बाएं तट नहर से लगभग 3000 क्यूसेक पानी का बहाव हो रहा है।

सितंबर माह के दूसरे सप्ताह में भारी बारिश होने के कारण बांगो बांध के तीन गेट को खोलना पड़ा था। वर्तमान में बांध 359.18 मीटर भरा है। बांध में ऊपरी क्षेत्र से प्रतिदिन 42.0 मिलियन घन पानी आ रहा है। एक दिन के अंतराल में बांध का पानी पांच सेमी कम हो गया है। बांगो बांध की पूर्ण जल भराव क्षमता 359.66 मीटर है। मानसून आगमन के बाद बीते वर्ष की तुलना में जिले में 132.4 मिमी अधिक वर्षा हो चुकी है। बांध में पानी का भराव ऊपरी क्षेत्र कोरिया जिला के अलावा डुबान क्षेत्र में होने वाली वर्षा पर निर्भर है। बांध के पानी से जांजगीर के अलावा रायगढ़ जिले के खेतों में सिंचाई होती है। इन जिलों में आवश्यकता से कम वर्षा होने से सिंचाई के लिए पानी दी जा रही थी। पर्याप्त वर्षा के कारण नहर का जल स्तर कम कर दिया गया है। बांध में ऊपरी क्षेत्र जितना पानी आ रहा है उससे हाइडल प्लांट को 72 घंटे चलाकर 42.0 मिलियन घन मीटर पानी छोड़ा जा रहा है। मिनीमाता हसदेव परियोजना के मुख्य कार्य पालन अभियन्ता केशव कुमार का कहना है कि मानसून अब समापन की ओर है ऐसे में इस वर्ष बांध में पूर्ण जल भराव के बाद आधा मीटर कम हुआ है। किसानों को खरीफ के अलावा आगामी रबी फसल के लिए पानी की समस्या नही होगी। इधर दर्री बांध में ऊपरी क्षेत्र से पानी का प्रवाह बढ़ने से माह भर के भीतर दस हजार मिलियन घन मीटर से भी अधिक पानी गेट से छोड़ा जा चुका है।

खरीफ वर्ष में 2020-21 में सितंबर माह के अंतिम सप्ताह तक 8141.40 मिमी वर्षा हुई थी। इस वर्ष 10477.60 मिमी वर्ष हुई है जो कि 2335.80 मिमी कम है। खेतों में पानी का भराव अधिक होने से और बीमारी बढ़ने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। बारिश थमने के बाद खेतों से पानी कम किया जा रहा है। धान की बालियां निकल रही हैं। पखवाड़े भर के भीतर होने वाली बारिश फायदेमंद कम नुकसान अधिक होगा।

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