प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष गुणों वाली 35 फसल की किस्में राष्ट्र को समर्पित की

किसानों की आमदनी बढ़ाने में जुटी मोदी सरकार

नई दिल्ली 28 सितम्बर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशेष गुणों वाली 35 फसल की किस्में राष्ट्र को समर्पित कीं।इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रीय जैविक संस्थान रायपुर, छत्तीसगढ़ के नवनिर्मित परिसर का भी उद्घाटन किया।पीएम मोदी ने कहा कृषि और विज्ञान के तालमेल का निरंतर बढ़ते रहना 21वीं सदी के भारत के लिए बहुत जरूरी है। आज इसी से जुड़ा एक और अहम कदम उठाया जा रहा है। देश के आधुनिक सोच वाले किसानों को समर्पित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे किसानों की जिंदगी में बदलाव की आशा का साथ ये सौगात में आज कोटि-कोटि किसानों के चरणों में समर्पित कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता किसानों की जरूरत को पूरा करना है और इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही हैं।

मोदी ने कहा कि बीते 6-7 सालों में साइंस और तकनीक को खेती से जुड़ी चुनौतियों के समाधान के लिए प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया जा रहा है। विशेष रूप से बदलते हुए मौसम में, नई परिस्थितियों के अनुकूल, अधिक पोषण युक्त बीजों पर हमारा फोकस बहुत अधिक है। हमारे यहां उत्तर भारत में घाघ और बटुरी की कृषि संबंधी कहावतें बहुत लोकप्रिय रही है। घाघ ने आज से कई शताब्दि पहले कहा था, जेते गहिरा जोतै खेत, परे बीज फल तेतै देत। यानि खेत की जुताई जितनी गहरी की जाती है, बीज बोने पर उपज भी उतनी ही अधिक होती है। आज 35 और नई फसलों की वैरायटी देश के किसानों के चरणों में समर्पित की जा रही हैं।ये बीज जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खेती की सुरक्षा करने और कुपोषण मुक्त भारत के अभियान में बहुत सहायक होने वाला हमारे वैज्ञानिकों की खोज का परिणाम है।

मोदी ने कहा कि नई फसलों की वैरायटी मौसम की कई तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होने के साथ इनमें पौष्टिक तत्व भी ज्यादा है। इनमें से कुछ वैरायटी कम पानी वाले क्षेत्रों के लिए और कुछ फसल गंभीर रोगों से सुरक्षित है। कुछ जल्दी तैयार हो जाने वाली है, कुछ खारे पानी में भी हो सकती है। यानि देश की अलग-अलग परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन्हें तैयार किया गया है। किसानों को पानी की सुरक्षा देने के लिए, हमने सिंचाई परियोजनाएं शुरू कीं, दशकों से लटकी करीब-करीब 100 सिंचाई परियोजनाओं को पूरा करने का अभियान चलाया। फसलों को रोगों से बचाने के लिए, ज्यादा उपज के लिए किसानों को नई वैरायटी के बीज दिए गए।

मोदी ने कहा कि खेती-किसानी को जब संरक्षण मिलता है, सुरक्षा कवच मिलता है,तब उसका और तेजी से विकास होता है। किसानों की जमीन को सुरक्षा देने के लिए, उन्हें अलग-अलग चरणों में 11 करोड़ सॉयल हेल्थ कार्ड दिए गए हैं। एमएसपी में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ हमारी सरकार के द्वारा खरीद प्रक्रिया में भी सुधार किया ताकि अधिक-से-अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। रबी सीजन में 430 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा गेंहूं खरीदा गया है। इसके लिए किसानों को 85 हजार से अधिक का भुगतान किया गया है। पीएम फसल बीमा योजना से किसानों को लाभ हो और सुरक्षा मिले, इसकी चिंता की गई। इसकी वजह से किसानों को करीब 1 लाख करोड़ रुपये की क्लेम राशि का भुगतान किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में अलग-अलग फसलों की 1300 से अधिक बीज की विविधताएं तैयार की गई हैं, इसी श्रृंखला में आज 35 और फसल किस्मों को किसानों के चरणों में समर्पित कर रहे हैं।’

बता दें कि फसलों की ये विशेष किस्में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने तैयार की हैं। इसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की दोहरी चुनौतियों से निपटना है। अखिल भारतीय कार्यक्रम का आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आइसीएआर) के संस्थान, राज्य और केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र मिलकर कर रहे हैं।

क्या है विशेष किस्म वाली 35 फसलें की विशेषताएं?
पीएम मोदी द्वारा पेश की गई 35 नई फसलों की वैराएटी की बात करें,तब लिस्ट में चने की ऐसी फसल भी रहने वाली है जो आसानी से सूखे की मार झेल सकती है। इसके अलावा रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला चावल भी तैयार हुआ है। अरहर की पैदावार बढ़ने के लिए रोग प्रतिरोधी फसल को भी शामिल किया गया है। जल्दी पकने वाली किस्म और रोग प्रतिरोधक क्षमता वाला चावल विकसित हुआ है। इसके अलावा बाजरा, मक्का, कुट्टू जैसी फसलों की अलग वैरायटी भी देश को आज मिलने जा रही है।

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