रोजगार की मांगों को लेकर रोकी एसईसीएल की गाड़ियां

कोरबा 26 सितम्बर। मूल कंपनी और उसके अंतर्गत काम कर रही ठेका कंपनियों में रोजगार देने की मांग को लेकर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने भिलाई खुर्द बाइफरकेशन पर जाम लगा दिया। इससे एसईसीएल की कोयला और ओबी वाली गाडिय़ां थम गई। जबकि इसके बगल से गुजरने वाले कोरबा.चांपा मुख्य मार्ग पर कोई असर नहीं पड़ा। प्रदर्शन को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि प्रबंंधन पर ऐनकेन प्रकारण दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है।

हनुमान प्रतिमा बाइफरकेशन पर काफी संख्या में ग्रामीण जुटे। इनमें युवाओं के साथ महिलाएं भी शामिल हुई। इससे पहले भी ये लोग यहां पर प्रदर्शन कर चुके हैं। एक बार फिर पुराने मसलों को लेकर उन्होंने प्रदर्शन किया। इनकी मांग है कि परियोजना के कारण प्रभावित सभी लोगों को योग्यता के अनुसार रोजगार की व्यवस्था की जाए। इस काम को एसईसीएल खुद करे और अपने अधीन यानी मानिकपुर परियोजना में काम करने वाली ठेका कंपनियों से भी कराएं। लोगों के इस बारे में अलग-अलग तर्क है। उनका कहना है कि जिन कारणों से समस्या बनी हुई है, उनका समाधान रोजगार दिए जाने से ही हो सकता है। ग्रामीणों के द्वारा यहां पर प्रदर्शन करने से एसईसीएल की मानिकपुर परियोजना में न तो खाली गाड़ियां जा सकी और ना ही लोडेड गाड़ियों को गंतव्य की तरफ जाने का मौका मिल सका। लेकिन इसके बगल से गुजरने वाले कोरबा-चांपा मुख्य मार्ग में सभी तरह के वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से जारी रही।

खदान के रास्ते पर चक्का जाम करने से वाहनों को रोककर रखा गया। यहां पर जो लोग प्रदर्शन करते मिले उनका इस बात पर जोर था कि न केवल रोजगार था बल्कि मूलभूत सुविधाओं को भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए। खनन कारणों से पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। संबंधित क्षेत्रों में सडक़ संपर्क नहीं है। इसके चलते दिक्कतें बनी है। कुछ स्थानों पर सीमित दूरी की सडक़ बनाने से बहुत ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इस दौरान दलालों को जूते मारने जैसे नारे भी लगाए। नारे से पहले एसईसीएल का नाम भी लिया गया। काफी देर तक यह क्रम जारी रहा।

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