खिलाड़ियों को प्रतियोगिता स्थल पहुंचने के लिए करनी पड़ी पदयात्रा

कोरबा 25 सितंबर। कोविड महामारी पर नियंत्रण होने के साथ स्थिति सामान्य हो रही है। इसी के साथ विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को धरातल पर उतारने का काम हो रहा है। कोरबा में संभाग स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के लिए सरकार के द्वारा पर्याप्त फंड दिया गया, फिर भी कई क्षेत्रों से आए खिलाडिय़ों को स्टेशन से ग्राउंड तक पहुंचने के लिए पदयात्रा करनी पड़ी। ऐसा क्यों हुआ, आयोजक कुछ बता पाने की स्थिति में नहीं हैं।

कोरबा को इस बार संभाग स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता के आयोजन की जिम्मेदारी खेल विभाग के द्वारा दी गई है। संभाग से संबंधित विभिन्न जिलों की टीमों को यहां पर हिस्सेदारी का मौका दिया गया। प्रतियोगिता में वॉलीबॉल, फुटबाल, कबड्डी, डॉट बॉल, क्रिकेट सहित अन्य गेम शामिल किये गए। यहां पहुंचने से पहले खिलाडिय़ों को अपने जिले में स्कूल, तहसील और जिला स्तर पर प्रदर्शन करना पड़ा। उत्कृष्टता के आधार पर उन्हें संभागीय टूर्नामेंट में दमखम दिखाने की पात्रता हासिल हुई। कोरबा के एसईसीएल सेंट्रल स्टेडियम सहित कई स्थान पर संभागीय प्रतियोगिता के इवेंट कराए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार ट्रेन के माध्यम से कोरबा स्टेशन पहुंचे अधिकांश खिलाडिय़ों को पैदल चलते हुए ही अपने ग्राउंड तक की दूरी तय करनी पड़ी। ऐसे कई नजारे मीडिया की नजर में आए। इस संबंध में पूछताछ करने पर खिलाडिय़ों ने साफ तौर पर बोला है कि किसी भी तरह से वाहन की व्यवस्था की ही नहीं गई थी। ऐसे में समय में प्रतियोगिता स्थल पहुंचने के लिए पदयात्रा ही एकमात्र विकल्प था और इसे अपनाया गया। उन्होंने सुन रखा था कि कोरबा में सरकारी फंड के अलावा कई स्तर पर आसानी से व्यवस्था हो जाती है और खिलाडिय़ों को राहत मिलती है लेकिन यहां पर तस्वीर ही कुछ अलग दिखाई दी। विभिन्न क्षेत्रों से आए खिलाड़ी कोरबा से ऐसे अनुभव के साथ लौटेंगे।

कोरबा में खेलों के लिए अधोसंरचना विकास पर बीते वर्षों में करोड़ों की राशि खर्च की गई है। सरकार के बजट के अलावा नगर निगम ने भी इस पर विशेष ध्यान दिया है। कोरबा के टीपी नगर स्टेडियम में करोड़ों की खास मवेशियों की भेंट चढ़ गई। दो.तीन अवसर पर महिला फुटबाल और एक अवसर पर वेट्रर्न्स क्रिकेट के अलावा यहां कुछ नहीं हो सका। इतना जरूर है कि वीआईपी शादियों के लिए स्टेडियम का दुरुपयोग जरूर किया गया।

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