निशाचर अंदाज में हो रही रेत की अवैध उत्खनन

कोरबा 13 सितंबर। एनजीटी ने 15 जून से 15 अक्टूबर तक रेत खनन पर प्रतिबंध लगा रखा है। तय है कि नियमों के अनुसार खनन गतिविधियां अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में ही शुरू हो सकेंगी। इधर अवैध रूप से यह काम कुछ इलाकों में जारी है। इससे सरकार के राजस्व को चपत लग रही है और माइनिंग विभाग से अनुज्ञा लेकर काम करने वाले परेशान हैं।

जानकारी के अनुसार कोरबा जिले के बांकीमोंगरा के साथ-साथ दुरपा, उमरेली इलाके में अवैध खनन का काम चल रहा है। राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों से संबंधित एक दर्जन से ज्यादा चेहरे इस अवैध काम में मलाई निकालने में जुटे हुए हैं। हर्रा लगे ना फिटकरी, रंग चोखा हो, की तर्ज पर काम को परवान चढ़ाया जा रहा है। देर रात में चोरी-चकारी का यह काम निशाचरों वाली अंदाज में चल रहा है। अनुमान है कि हर दिन सैकड़ों ट्रैक्टर रेत नदी-नालों से पार की जा रही है और ऊंचे रेट पर बेच दी जा रही है। वर्तमान में जहां कहीं निर्माण कार्य चल रहे हैं उनमें चोरी की यह रेत आसानी से खप जा रही है। यह बात अलग है कि माइनिंग विभाग ने 10 से अधिक मामलों में रेत भंडारण के लिए कुछ पार्टियों को विधिवत परमिट जारी किया है। इसके तहत संबंधित पार्टियां अपने भंडार से जरूरतमंदों को रायल्टी के आधार पर रेत उपलब्ध करा सकती है। पूरी प्रक्रिया में विशुद्ध नुकसान उनका हो रहा है जिन्होंने रेतघाट संचालित करने के लिए सरकार को लाखों की राशि अदा की है।

उप संचालक एस एस नाग ने बताया कि दो दिन पहले बांकीमोंगरा क्षेत्र में औचक कार्रवाई करते हुए रेत से भरे दो ट्रैक्टर पकड़े गए थे। आज फिर एक टीम को सूचना मिलने पर रवाना किया गया है। लगातार कार्रवाई की जाएगी।

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