अरुणाचल प्रदेश में शुरू किया गया ‘एयर गन सरेंडर अभियान’, पशु-पक्षियों को शिकार से बचाने विशेष पहल

इटानगर 13 सितम्बर। पशु-पक्षियों को शिकार से बचाने के लिए और उनके संरक्षण के लिए अरुणाचल सरकार ने एक अहम पहल शुरू की है। इसके काफी सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं। जी हां, सरकार ने मार्च में एयर गन सरेंडर अभियान शुरू किया था, आज इसका मकसद पशु-पक्षियों को शिकार से बचाना है।

क्या है एयर गन सरेंडर अभियान ?
अरुणाचल प्रदेश के पर्यावरण एवं वन मंत्री मामा नटुंग ने इस बारे में बताया कि एयर गन में कोई लाइसेंस नहीं लगता है। ऐसे में हमारे देश में काफी लोग हर जिले और गांव में एयर गन के जरिए पक्षियों का शिकार करते हैं। इसके चलते बहुत से पक्षियों की तादाद तेजी से कम होती जा रही है। इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए पेमा खांडू सरकार के नेतृत्व में यह फैसला लिया गया है कि पक्षियों को एयर गन से बचाने के लिए कोई अहम कदम उठाना आवश्यक है।

केवल अरुणाचल में 500 से भी ज्यादा पशु-पक्षी हमारे बेहतर जीवन का अंग
आगे जोड़ते हुए वे कहते हैं कि अरुणाचल प्रदेश में कुल 83,746 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला है, जिसमें 500 से भी ज्यादा पशु-पक्षी हमारे बेहतर जीवन का अंग है। अरुणाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटक इन पशु-पक्षियों की अहमियत न समझकर इनका शिकार करते हैं, जिसके कारण यह तेजी से कम होते जा रहा हैं। इस समय यदि कोई अपने प्रदेश के पशु-पक्षियों को नहीं बचाएगा तो सिर्फ जंगल ही खाली नजर आएंगे।

प्रदेश में पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियां भी मौजूद
इसके आगे उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में पक्षियों की ऐसी-ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो पूरी दुनिया में और कहीं नहीं है। इनका क्या महत्व है लोगों को इसके बारे में पता नहीं है। यदि हम पशु-पक्षियों के शिकार को नहीं रोकेंगे तो पर्यटकों के लिए राज्य की खूबसूरती खत्म हो जाएगी, साथ ही साथ वैज्ञानिकों की रिसर्च भी इससे काफी प्रभावित होगी।
सभी राज्यों से ऐसी पहल शुरू करने की अपील की

अरुणाचल प्रदेश के पर्यावरण एवं वन मंत्री ने कहा, मैं सभी राज्य के लोगों से और उनकी सरकारों से यह अनुरोध करना चाहूंगा कि अरुणाचल प्रदेश में शुरू की गई इस पहल की तरह ही वे भी अपने राज्यों में ऐसी पहल शुरू करें और पशु-पक्षियों की सुरक्षा करें ताकि प्रकृति की सुरक्षा की जा सके।

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