जिला पंचायत सदस्यों ने सीईओ के खिलाफ खोला मोर्चा, स्थानांतरण की मांग

कोरबा 8 सितंबर। जिला पंचायत मुख्यकार्यपालन अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए जिला पंचायत के अध्यक्ष सहित दस सदस्यों ने निंदा प्रस्ताव पारित किया है। सदस्यों ने अधिकारी पर तालमेल बना कर काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए रायपुर पहुंचकर अधिकारी के स्थानांतरण की मांग मुख्यमंत्री से की हैं।जिला पंचायत सदस्य और अधिकारी के बीच अलगाव अगस्त माह में हुई सामान्य सभा के बहिष्कार करने के साथ ही शुरू हो गई थी। अब इस अलगाव ने उग्र रूप ले लिया है। नाराज सदस्य अब अधिकारी हटाए जाने की मांग पर उतर आए हैं।

जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकला कंवर ने बताया कि मुख्यकार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार की कार्यशैली से सदस्य असंतुष्ट है। उन्होने बताया कि बैठक के एजेंडों बदलाव, फोन रिसीव नहीं करना, सदस्यों के तय किए गए कार्यों में सहयोग नहीं देना आदि शामिल है। मुख्यमंत्री को सौंपे गए पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि अधिकारी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव किया है। जब तक अधिकारी का स्थानांतरण नहीं होता तब सामान्य सभा की बैठक नहीं होगी। रायपुर पहुंचे सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत से भी मुलाकात की और समस्या से उन्हे अवगत कराया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन पत्र में जिला पंचायत सदस्यों में अध्यक्ष शिवकला के अलावा उपाध्यक्ष रीना अजय जायसवाल, गणराज सिंह, नीलिमा धृतलहरे, संदीप कंवर, रामेश्वरी जगत, गोदावरी राठौर, उर्मिला मरकाम, प्रेमचंद पटेल, रामनाराण का नाम शालिम है। प्रीति कंवर और कमला राठिया का नाम शामिल नहीं है। इससे माना जा रहा है कि अधिकारियों के स्थानांतरण में सदस्यों के बीच मतभेद है। राज्य के राजनैतिक गलियारों में मुख्यमंत्री के कार्यकाल को लेकर अभी उठापटक नहीं थमा है। ऐसे में सदस्यों के आवेदन में निर्णय कब होगा इसका निर्णय मुख्यमंत्री ही लेंगे। यहां यह बताना होगा कि प्रशासनिक बैठक अथवा कार्यालयों में महिला जन प्रतिनिधियों के पति के दखल पर प्रतिबंध का कड़ाई से पालन कराने के नाम पर मामले ने तूल पकड़ा है। गाम व जनपद पंचायतों के अलावा नियम जिला पंचायत में भी लागू कर दिया गया है। बहरहाल बीते दो माह पहले से सामान्य सभा का आयोजन नहीं हो होने पंचायती राज व्यवस्था के तहत होने के वाले कार्य ठप हैं।

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