गणेश मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई होगी आठ फिट, पंडाल के सामने 500 वर्ग फिट खुली जगह रखनी होगी

पंडाल में एक समय में पचास व्यक्ति तक हो सकेंगे शामिल

कोरबा 7 सितंबर। आगामी गणेशोत्सव पर्व मनाने के लिए जारी दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। पूर्व में जारी दिशा-निर्देशों में सशर्त छूट दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में जरूरी आदेश भी जारी दिया गया है। अब गणेश मूर्ति की अधिकतम ऊंचाई आठ फिट तक हो सकती है। लेकिन प्लास्टर ऑफ पेरिस निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा। मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15’15 फिट से अधिक नहीं होगी। पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्ग फिट की खुली जगह होना चाहिए। किसी भी एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति तक शामिल हो सकेंगे। ध्वनि विस्तारक यंत्र, धुमाल तथा डीजे बजाने की अनुमति पूर्व में जिला प्रशासन द्वारा जारी शर्तों के अधीन होगी। मूर्ति आगमन एवं विसर्जन के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्र, धुमाल तथा डीजे बजाने की अनुमति नहीं होगी।

जारी संशोधित दिशा-निर्देशानुसार घर से बाहर परिसर के अंदर या सार्वजनिक स्थानों पर मूर्ति स्थापना के लिए तीन दिन पहले अनुविभागीय राजस्व कार्यालयों में शपथ पत्र के साथ आवेदन करना होगा। अनुमति प्राप्त होने के पश्चात ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी। गणेश उत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के साथ-साथ भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी एस.ओ.पी का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। निर्देश के उल्लंघन करने पर ऐपीडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल नियमानुसार अन्य धाराओं के तहत् कठोर कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।

समितियां रखेंगी रजिस्टर, नोट होगा नाम, पता, मोबाइल नम्बर- जारी किए गए निर्देशो के अनुसार पंडाल के सामने पंडाल एवं सामने 500 वर्ग फिट की खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित नही होना चाहिए। पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने हेतु पृथक से पंडाल नही लगाया जाएगा। दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने हेतु कुर्सी नहीं लगेंगी। किसी भी स्थिति में एक समय में मंडप एवं सामने मिलाकर 50 व्यक्ति से अधिक मौजूद नही होंगे। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति को रजिस्टर संधारित करना होगा, जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम पता एवं मोबाईल नम्बर दर्ज किया जाएगा। ताकि उनमें से कोई भी कोरोना संक्रमित होने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किया जा सके। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जाएगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जाएगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सेनेटाईजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैण्डवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था करनी होगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संक्रमित सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश से रोकने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंसिंग आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था बास-बल्ली से बेरिकेटिंग कराया जाएगा।

कंटेन्मेंट जोन में नहीं होगी मूर्ति स्थापना की अनुमति – घोषित कंटेन्मेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी, यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेन्मेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा, जगराता अथवा सांस्कृतिक कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए केवल एक वाहन की अनुमति मिलेगी।

चार व्यक्ति से अधिक नहीं जा सकेंगे – मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए पिकअप, टाटा-एस (छोटा हाथी ) से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। मूर्ति विसर्जन के वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए 4 से अधिक व्यक्ति नहीं जा सकेंगे एवं सभी मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। अलग से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। छोटी मूर्तियों का विसर्जन घरों में और बड़ी मूर्तियों का विसर्जन कोरबा नगर निगम द्वारा निर्धारित विसर्जन कुण्डों में ही किया जाएगा। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गो से मूर्ति विसर्जन वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी।

धुमाल या ब्रॉस बैण्ड बजाने के दिशा-निर्देश – धुमाल-ब्रॉस बैण्ड एवं बैण्ड पार्टी बजाने वालों की कुल संख्या दस से अधिक नहीं होगी। बैण्ड पार्टियों को केवल बैण्ड बजाने की अनुमति होगी। 200 वाट पीएमपीओ से अधिक क्षमता के साउण्ड बॉक्स बजाना प्रतिबंधित रहेंगे। बैण्ड किसी भी सार्वजनिक सड़क पर नहीं बजाया जाएगा। कार्यक्रम के लिए निर्धारित स्थान पर बैण्ड बजाने की अनुमति भी रात्रि दस बजे तक के लिए मान्य होगी। धुमाल या ब्रॉस बैण्ड बजाने के लिए बैण्ड पार्टी को क्षेत्र के थाना प्रभारी को पहले सूचना देनी होगी। बैण्डपार्टी में शामिल सभी लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन करना होगा। बैण्ड पार्टी में शामिल सभी लोगों का थर्मल स्केनिंग कराना, मास्क पहनना, समय-समय पर हैण्ड सेनेटाइजर का उपयोग करना और दो व्यक्तियों के बीच दो मीटर या छह फिट की दूरी रखना अनिवार्य होगा। बैण्ड वादक पार्टियों को एनजीटी और शासन द्वारा निर्धारित कोलाहल अधिनियम के प्रावधानों का भी पालन करना होगा। जिला प्रशासन द्वारा धुमाल-ब्रॉस बैण्ड बजाने के लिए जारी निर्देशों का उल्लंघन करने पर ब्रॉस बैण्ड पार्टी के प्रबंधक के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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