पशुओं के शरीर में किलनी होने पर आइवर मेक्टिन दवा के स्प्रे का करें छिड़काव

खेती-किसानी, बागवानी एवं पशुपालन के संबंध में मौसम विभाग ने जारी किए सलाह

कोरबा 2 सितम्बर। बारिश के मौसम में फसलों को कीट और बीमारियों से बचाने तथा मवेशियों के देखभाल के लिए मौसम विभाग द्वारा आगामी दिनों में किसानों के लिए सलाह जारी किए गए हैं। पशुओं को बीमारियों से बचाने के लिए पशुओं का सतत देखभाल करने की सलाह दी गई है। पशुओं के शरीर पर बाह्य कृमि जैसे किलनी होने पर उन्हें निकालकर फेंक देने साथ ही बचाव के लिए आइवर मेक्टिन दवा स्प्रे करने के लिए कहा गया है।

मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान के अनुसार कोरबा जिले के अधिकांश भागों में आने वाले दिनों में हल्की से मध्यम बारिश की होने की संभावना जताई गई है। जिले के अधिकांश स्थानों पर बादल छाए रहने तथा अधिकतम तापमान लगभग 31-32 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई गई है। कृषि वैज्ञानिकों ने आगामी पांच दिनों में मौसम के पूर्वानुमानों को देखते हुए जिले के किसानों के लिए खेती, पशुपालन एवं मुर्गी पालन के संबंध में सलाह जारी किए गए हैं। मौसम पूर्वानुमानों के आधार पर मौसम विभाग ने खेती-किसानी,एवं बागवानी फसलों के देखरेख तथा मौसम को देखते हुए पशुओं की देखभाल संबंधी सलाह भी जारी किए हैं। किसानों को धान फसल हानिकारक कीटों की उपस्थिति पर सतत निगरानी रखने की सलाह जारी की गई है।

मौसम विभाग द्वारा जारी सलाह अनुसार किसानों को धान के खेतों की नियमित निगरानी करते रहने की सलाह दी गई है। धान की फसल में कन्से निकल रहे हैं उन्हें नत्रजन की दूसरी मात्रा का छिड़काव करने कहा गया है जिससे कन्से की स्थिति में सुधार आएगा। धान की फसल में पत्ती मोड़क का प्रकोप पौधे में दिखाई देने पर क्लोरोप्रीफोस एक लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से 500 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करने कहा गया है। फसल में तना छेदक की तितली एक वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में दिखाई देने पर कार्बोफुरान 33 किलोग्राम या फर्टेरा दस किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करने की सलाह जारी की गई है। धान फसल पर पीला तना छेदक कीट के वयस्क दिखाई देने पर तना छेदक के अण्डा समूह को एकत्र कर नष्ट कर देने साथ ही सूखी पत्ती को खींचकर निकाल देने को कहा गया है। कम वर्षा वाले स्थानों में जहां बुआई नहीं हुई हो वहां रामतिल एवं कुलथी की बुआई के लिए तैयारी करने की सलाह जारी की गई है। आगामी मौसम को ध्यान में रखते हुए बागवानी फसलों के लिए भी सलाह जारी किया गया है। बैंगन की फसलों में खेतों में जहां पानी भरा हो वहां जल निकास की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है। गोभी वर्गीय सब्जियों का थरहा तैयार करने के भी सलाह जारी किए गए हैं। किसानों के लिए मृदा-भूमि तैयारी के लिए भी सलाह जारी की गई है। रोपा किए गए खेतों में पांच सेंटीमीटर से अधिक पानी नहीं भरने देने तथा पानी अधिक होने पर तत्काल खेत से बाहर निकालने की सलाह जारी किए गए हैं। अधिक पानी भरे होने से कन्सों की संख्या प्रभावित होती है। पशुबाड़े के आसपास उगी झाड़ियों, गाजर घास को उखाड़कर फेंकने एवं गड्ढों को भरने के लिए कहा गया है जिससे मच्छर ना पनपने पाएं।

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