कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने कोरबा जिले में सभी व्यवस्थाएं, पिछले तीन दिनों में कम हुए संक्रमित
4.36 लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण पूरा, पीडियाट्रिक आईसीयू बना पर्याप्त ऑक्सीजन और बिस्तर उपलब्ध
कोरबा 25 अगस्त 2021। कोविड संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए कोरबा जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां तेजी से जारी हैं। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर ही प्रशासन का जोर है। हर दिन लगभग दो हजार लोगों की कोरोना जांच की जा रही हैं। पिछले तीन दिनों में जिले में इकाई की संख्या में कोरोना संक्रमितों की पहचान हुई है। इसके साथ ही जिले का पॉजिटिविटी रेट मात्र 0.15 प्रतिशत है। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की तेजी से पहचान कर जरूरी प्रोटोकॉल का पालन और आवश्यकता होने पर उनकी जांच भी तत्परता से कराई जा रही है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए जिला प्रशासन और स्ववास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार है। तीसरी लहर के दौरान विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के संक्रमित होने की भी संभावना जताई गई है। विशेषज्ञों की इस संभावना को ध्यान में रखते हुए जिले में कोरोना संक्रमित बच्चों के ईलाज के लिए भी विशेष व्यवस्थाएं की गईं हैं। ईएसआईसी विशेष कोविड अस्पताल में संक्रमित बच्चों के ईलाज के लिए पीडियाट्रिक आईसीयू बनाया गया है। इस छह बिस्तर वाले विशेष आईसीयू वार्ड में कोरोना संक्रमित गंभीर बच्चों के ईलाज के लिए वेंटीलेटर की भी सुविधा होगी। सभी छह बिस्तरों पर वेंटीलेटरों को बच्चों के ईलाज के अनुसार अपग्रेड किया गया है। पीडियाट्रिक एनआईव्ही मास्क, वेंटीलेटर सर्किट से लेकर ऑक्सीजन रिलेटेड कन्ज्यूमेबल सहित सभी दूसरे सहायक उपकरणों की भी व्यवस्था कर ली गई है। इसके अतिरिक्त अस्पताल में कोरोना संक्रमित बच्चों के ईलाज के लिए दस ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की भी व्यवस्था की गई है। कोरोना संक्रमित बच्चों के ईलाज के दौरान उनके साथ रूकने वाले पालक या अटेंडरों के लिए भी अतिरिक्त दस बिस्तर लगाए गए हैं। बच्चों के ईलाज के लिए जिला अस्पताल में दो शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों की भी तैनाती की गई है। जिन्हे आवश्यकतानुसार कोविड संक्रमित बच्चों के ईलाज की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसके साथ ही बच्चों के ईलाज के लिए पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्सों आदि को भी समय-समय पर प्रशिक्षित किया गया है। बच्चों के कोविड संक्रमण की स्थिति में ऐसे प्रशिक्षित अमले की सेवाएं भी अस्पतालों में ली जाएंगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे ने बताया कि अधिक से अधिक संभावितों की कोरोना जांच कर प्रारंभिक चरणों में ही संक्रमण का पता लगाकर पॉजिटिव मिले मरीजों का समय पर ईलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही पॉजिटिव मरीजों के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग करके उनकी भी टेस्टिंग और ईलाज कर संक्रमण को रोकने की कोशिश की जा रही है। डॉक्टर बोडे ने बताया कि अभी प्रतिदिन कोविड जांच के लिए एक हजार 900 सैम्पल कलेक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रतिदिन आरटीपीसीआर के 500, एन्टीजन के एक हजार 100 और ट्रु-नाट के 300 सैम्पलों की जांच प्रतिदिन की जा रही है। एक्टिव सर्विलेंस दलों द्वारा घर-घर जाकर सर्दी, खांसी, बुखार जैसे लक्षणों वाले मरीजों की पहचान का काम भी तेजी से जारी है। सीएमएचओ ने बताया कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से निपटने के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में दवाईयां आदि उपलब्ध हैं। कोरोना टीकाकरण का काम भी तेजी से किया जा रहा है। जिले में चार लाख 36 हजार 420 लोगों को कोविड टीके की पहली डोज लगाई जा चुकी है। एक लाख 26 हजार 619 लोगों ने कोरोना से बचने के लिए कोरोना टीके की दूसरी डोज भी लगवा ली है। जिले की निजी और शासकीय कोविड अस्पतालों में मरीजों के लिए डेढ़ हजार बिस्तरों की व्यवस्था है। इनमें से लगभग 600 बिस्तर ऑक्सीजन युक्त हैं। 37 वेंटीलेटर और 22 एनआईव्ही भी मरीजों के ईलाज के लिए मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि जिले में आज की स्थिति में 967 डोज रेमडेसिविर इंजेक्शन भी कोविड अस्पतालों में उपलब्ध है। इसके साथ ही जिले में प्रतिदिन पांच हजार 138 क्यूबिक मीटर मेडिकल ऑक्सीजन भी उपलब्ध है। कोविड संक्रमण की तीसरी लहर से बनने वाली किसी भी संभावित विपरित परिस्थिति से निपटने के लिए प्रशासन एवं कोविड अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं।