चूहे की तलाश में सर्प ने निगल लिया डेढ़ फुट का कपड़ा

कोरबा 19 जुलाई। जिले सांपों से जुड़ी अनेक बातें सामने आती रहती हैं, जो लोगों को हैरान कर देती हैं। ऐसी ही एक घटना बीती रात शहर से लगी नकटीखार बस्ती में देखने को मिला। यहां रहने वाली कुमारी बाई के घर कुछ दिनों से एक सांप लगातार यहां वहां घूमता दिख रहा था। साधारण धामन सांप सोच कर उस ओर ध्यान नहीं दिया गया। चूहे की तलाश में वह बीती रात फिर मकान में घुस आया। उसे शिकार तो नहीं मिला पर उसने बच्चे के लेगिंग को निगल लिया। जान आफत में फंस जाने से सर्प भी छटपटाने लगा। सूचना मिलने पर सर्पमित्र जितेंद्र ने आकर उसे पकड़ा और पशु चिकित्सक के पास ले गए। डाक्टर ने आपरेशन कर सांप के पेट से मुंह तक फंसे करीब डेढ़ फुट के कपड़े को बाहर निकाला।

कपड़ा अटकने के कारण सांप को सांस लेने में दिक्कत होने लगीं थी और वो यहां वहा भाग रहा था। कपड़े को न निगल पा रहा था न ही उगल पा रहा था, जिसके कारण वह परेशान हो गया था। उसको तड़पता-छटपटाता यहां-वहां घूमते देख घर के लोग घबरा गए और डर कर बाहर निकल गए। इस परिवार में नवजात शिशु होने की वजह से पूरे घर में दहशत का माहौल निर्मित हो गया। उन्होंने स्नेक रेस्क्यू टीम प्रमुख एवं वन विभाग सदस्य जितेंद्र सारथी को इसकी जानकारी दी, जिसके तुरंत बाद जितेंद्र ने मौके पर पहुंच, घटना का जायजा लिया। उन्होंने पाया गया कि वह करीब सात फुट लंबा धामन सांप है, जिसे स्थानीय ग्रामीण असढ़िया भी कहते हैं। करीब 15 मिनट के समय में ही उसको रेस्क्यू कर पाने में सफल हुए जितेंद्र सारथी बिना देरी किए डा राजेंद्र प्रसाद नगर में निवासरत पशु चिकित्सक डा मनमोहन राठौर के पास पहुंचे। बड़ी सावधानी से डाक्टर ने आपरेशन चालू किया और महज दस मिनट की मशक्कत के बाद सांप के मुंह में फंसे कपड़े को निकाल पाने में सफल हुए।

कोरबा में इस तरह का यह पहला मामला हैं। इस तरह की घटना बहुत ही कम देखने को मिलती है, इसके बाद जितेंद्र सारथी ने डा मनमोहन का आभार जताया। आपरेशन के बाद सर्प मित्रों ने राहत कि सांस ली और कपड़ा निकलते ही सांप भी बिलकुल शांत हो गया। आफत में फंसी जान बचने से शायद वह भी राहत महसूस कर रहा था। इसके बाद सर्प को जंगल में जाकर छोड़ दिया। सर्पमित्र जितेंद्र सारथी ने बताया इस तरह की घटना बहुत कम देखने को मिलती हैं।

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