मकानों के मुआवजा राशि की भुगतान कानूनी दाव पेच में उलझी
कोरबा 17 जुलाई। दीपका खदान में ग्राम पंचायत सुवाभोड़ी की जमीन अधिग्रहित की गई है। ग्रामीणों के मकानों का मुआवजा वितरण के लिए एसईसीएल व राजस्व अमला सर्वे कर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं और ग्रामीणों से दस्तावेज जमा करने कहा है। जानकारी के अभाव में 250 ग्रामीण दस्तावेज जमा नहीं कर सके। इससे उन्हें मुआवजा राशि का भुगतान नहीं किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि दस्तावेज जमा करने के लिए जानकारी देने के साथ ही समय दिया जाना चाहिए।
साउथ इस्टर्न कोलफि ल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की दीपका खदान में ग्राम सुवाभोड़ी की जमीन वर्ष 2004 व 2010 में कोयला उत्खनन के लिए अधिग्रहित की गई थी। इसे पश्चात ग्राम सुवाभोड़ी की मकानों को एसईसीएल व राज्य शासन के अधिकारी एवं पटवारियों द्वारा नापी सर्वे किया गया था, ताकि मकानों की मुआवजा राशि को भुगतान किया जा सके। बताया जा रहा है कि मकानों की नापी व किए गए सर्वे को तीन भागों में बांटकर प्रतिशत के हिसाब से बनाकर भुगतान को रोक दिया। इस पर समाजसेवी मनीराम भारती ने आपत्ति जताते हुए एसईसीएल दीपका प्रबंधन व नायब तहसीलदार के समक्ष अपना पक्ष रखा। नायब तहसीलदार ने आश्वस्त किया कि मकानों की नापी सर्वे करके मुआवजा पत्रक तैयार करने के उपरांत मुआवजा का भुगतान किया जाएगा, लेकिन कानूनी दाव पेच में उलझा कर मकानों के मुआवजा राशि की भुगतान को रोक दिया गया। इससे ग्रामीणों में व्याप्त आक्रोश है। उन्होंने कहा कि दीपका प्रबंधन खदान में लगातार हैवी ब्लास्टिंग कर रहा है, ताकि ग्रामीण भयभीत होकर स्वयं गांव खाली कर चले जाएं। ब्लास्टिंग के कारण कोई जनहानि नुकसान ना हो, इसलिए कुछ परिवारों ने मकानों को खाली कर अनियंत्रित स्थानों में किराए मकान या झोपड़ी बनाकर रहने लगे।
ग्रामीणों ने कहा कि अर्जन के समय बने हुए मकान का क्षतिपूर्ति राशि प्रभावितों को भुगतान करने के साथ ही सभी सुविधाएं देना है। इस संबंध में नायब तहसीदार ने 250 आश्रित परिवारों की मकानों का दावा आपत्ति संबंधित दस्तावेज पेश करने कहा थाए पर प्रभावित परिवारों को न किसी प्रकार की नोटिस दिया गया है और नहीं सूचना दी गई। इससे दस्तावेज जमा नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि विधिवत रूप से सूचना देकर दस्तावेज जमा कराते हुए मकानों का मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।