रेल लाइन के लिए 58 गांव की अधिग्रहित भूमि पर अब खेती नहीं कर सकेंगे किसान
कोरबा 12 जुलाई। गेवरारोड़-पेंड्रारोड 135.3 किलोमीटर लंबी रेल लाइन बिछाने का काम 15 दिवस के भीतर शुरू होगा। निर्माण एजेंसी इरकान की पहल पर जिला प्रशासन ने रेल लाइन के लिए अधिग्रहित की भूमि कृषि कार्य करने पर रोक लगा दी है। कटघोरा, पाली व पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के 58 गांव के ग्रामीण अधिग्रहित खेती नहीं कर सकेंगे।
पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप योजना के तहत रेल प्रबंधन तीन रेलवे कारिडोर बिछा रहा है। इसमें 64 फीसदी राशि एसईसीएल, 10 फीसदी राज्य शासन व शेष 26 फीसदी इरकान कंपनी खर्च उठाएगी। तीन रेलवे कारिडोर में रायगढ़ के मांड से भूपदेवपुर, कोरबा से धरमजयगढ़ तथा गेवरारोड से पेंड्रारोड रेल लाइन शामिल है। 135.3 किलोमीटर लंबे गेवरारोड से पेंड्रारोड का सर्वे होने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब रेल लाइन बिछाने का काम किया जाना है। इसकी तैयारी इरकान कंपनी ने शुरू कर दी है। अधिग्रहित की गई जमीन में किसानों की भी जमीन शामिल है, इसलिए कृषि कार्य शुरू न हो सके, इस पर रोक लगाने इरकान के संयुक्त महाप्रबंधक सिविल कोरबा रविप्रकाश श्रावणकर ने जिलाधीश को पत्र लिख कर कहा कि प्रस्तावित इस्ट-वेस्ट रेल कारीडोर परियोजना का निर्माण गेवरारोड से पेंड्रारोड़ तक किया जाना है। इसके लिए भू-अर्जन का काम पूरा हो चुका है और प्रभावितों को मुआवजा वितरण व राजस्व विभाग द्वारा रेल विभाग को भूमि हस्तांतरण संबंधी कार्य पूर्ण किया जा चुका है। साथ ही निविदा की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है, निर्माण कार्य 15 दिवस के भीतर शुरू किया जाएगा। इसलिए प्रभावित ग्रामों में अधिग्रहित भूमि पर कृषि कार्य शुरू न हो सके, इसलिए पटवारी, कोटवार को कृषि कार्य पर रोक लगाने कहा जाए। यदि कोई कृषक फसल नुकसान संबंधी मुआवजा की मांग करता है तो रेल विभाग मुआवजा नहीं दे पाएगा। इरकान के पत्र पर डिप्टी कलेक्टर ने पोड़ीउपरोड़ा, कटघोरा व पाली के अनुविभागीय अधिकारी को पत्र लिख कर सभी प्रभावित गांव में कृषि कार्य नहीं करने पटवारी व कोटवार को निर्देशित करने कहा है। इसके बाद अधिग्रहित भूमि में कृषि कार्य पर रोक लगाने की पहल शुरू हो गई है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही रेलकारीडोर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि भविष्य में कुसमुंडा खदान से 50 मिलियन टन अधिकतम 62 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया जाएगा और इसका परिवहन रेल लाइन से किया जाना है, इसलिए रेल प्रबंधन ने अतिरिक्त रेल लाइन बिछा रही है। गेवरारोड स्टेशन से कोरबा स्टेशन तक बिछी रेल लाइन में ट्रेनों का अत्याधिक दबाव से निपटने के लिए रेल प्रबंधन ने योजना बनाई है।
इन गांवों की खेती पर लगी रोकः-प्रशासन ने जिन गांव में खेती करने पर रोक लगाई है, उनमें कटघोरा तहसील अंतर्गत गेवरारोड़. मनगांव, भैरोतालए कुचेना, घुड़देवा, रोहिना, मड़वाढोडा, पुरैना, कोरई, ढूरेना, दीपका, देवगांव, कोलिहामुड़ा, जवाली, डोंगरी, डोकरीखार, रालए मोहनपुर शामिल हैं। वहीं पाली तहसील अंतर्गत मदनपुर, नानबांका, पोड़ी उपरोड़ा तहसील अंतर्गत अचानकपुर, कोरबी, मल्दा, सिंघिया, सोनपुरी, नगोईबछेरा, भांवर, महोरा, बरतराई, डोंगतराई, नगोईकुटसर, अमलडीहा, पोड़ीगोसाई, तुमान, पुटुवा, वनखेता, बनवार बनखेता, रावा, बरभांठा, सिरकी, केशलपुर, कटोरीनगोई, जटगा, घुमानीडांड, मातिनखास, आमाटिकरा, बेतलो, सासिन, बासिन, कुदरी, कुकरीबहरा, बीजाडांड, पुटीपखना, बेलहिया, अड़सरा, कोटमर्रा, बैरा, साढ़ामार, खम्हरिया गांव शामिल हैं।