जिले में एक अगस्त से शुरू होगा फसल गिरदावरी का काम

  • कलेक्टर श्रीमती साहू ने एसडीएम, तहसीलदार सहित कृषि एवं राजस्व अमले को सौंपी जिम्मेदारी
  • किसानों द्वारा बोए गए फसलों की जानकारी भुईंया साॅफ्टवेयर में खसरावार होगी एंट्री

कोरबा 29 जून 2021. खरीफ मौसम में किसानों द्वारा बोए गए फसलों के रकबे की जानकारी संकलित करने के लिए गिरदावरी का काम एक अगस्त से शुरू हो जाएगा। 20 सितम्बर तक चलने वाले गिरदावरी के काम के लिए कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, एसएडीएओ, कृषि विस्तार अधिकारी, सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख सहित राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी है। गिरदावरी के अंतर्गत सभी गांवो के किसानवार तथा खसरावार बोए गए रकबे की जानकारी एकत्रित की जाएगी। गिरदावरी के समय पटवारी एवं राजस्व निरीक्षक द्वारा किसान द्वारा फसल बोए गए भूमि का खसरावार फोटोग्राफ्स मोबाइल पर लिया जाएगा। इसके लिए स्लेट में खसरा नंबर चाॅक से लिखकर खसरा नंबर के बढ़ते अनुक्रम में फोटोग्राफ्स लिया जाएगा। लिए गए फोटो को ग्राम वार सीडी बनाकर तहसीलदार एवं राजस्व निरीक्षक के माध्यम से भू-अभिलेख कार्यालय में जमा किया जाएगा। गिरदावरी के दौरान पटवारी द्वारा प्रत्येक खसरा नंबर में किसान द्वारा बोई गई फसल का विवरण, खसरा, पांचसाला एवं भुईंया साॅफ्टवेयर में दर्ज किया जाएगा। किसानों द्वारा बोई गई फसलों को क्षेत्राच्छादन की फसलवार एवं किसानवार जानकारी तैयार कर 20 सितम्बर तक सभी गांवो के महत्वपूर्ण स्थानों पर तथा ग्राम पंचायतों में चस्पा किया जाएगा। 28 सितम्बर तक दावा आपत्ति प्राप्त किया जाएगा तथा सभी दावा आपत्तियों का निराकरण सात अक्टूबर तक पूरा किया जाएगा। दावा आपत्ति अनुसार खसरा, पांचसाला एवं साॅफ्टवेयर में संशोधन कर 14 अक्टूबर 2021 को अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने समय सीमा में गिरदावरी का काम पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उन्होंने गिरदावरी काम के समय गांवो में नियमित रूप से मुनादी कराने के भी निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने गिरदावरी काम किए जाने की सूचना ग्रामवासियों एवं ग्राम पंचायतों को समय से पहले देने एवं गिरदावरी काम के समय पटवारी, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एवं पंचायत सचिव को साथ मौजूद रहने के निर्देश दिए हैं। हल्का पटवारी द्वारा अपने हल्के के गांवो का भ्रमण करके राजस्व अभिलेखों में प्रविष्ट भूमि स्वामी एवं अन्य विवरण का जांच किया जाएगा। अभिलेखों में त्रुटियां पाए जाने पर अंकित त्रुटियों को दुरूस्त किया जाएगा तथा किसी खसरा नंबर की प्रवृष्टि नहीं हुई है तो उसका संकलन किया जाएगा। पटवारी द्वारा अनावश्यक रूप से प्रविष्ट खसरों का विलोपन भी किया जाएगा। पिछले खरीफ वर्ष के धान-मक्का बेचने के लिए किसानों के पंजीयन को आधार मानते हुए इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों के पंजीयन के लिए किसान द्वारा वास्तविक बोए गए रकबे की खसरावार जानकारी एकत्रित की जाएगी। खसरे में अंकित रकबे से अनुपयोगी बंजर भूमि, पड़की भूमि, निकटवर्ती नदी-नालों की भूमि, निजी तालाब-डबरी की भूमि, कृषि उपयोग के लिए बनाए गए पक्के या कच्चे शेड की भूमि को पंजीयन में से कम किया जाएगा। धान बेचने से पहले पंजीकृत किसान की मृत्यु हो जाने पर तहसीलदार के द्वारा परिवार के नामांकित व्यक्ति के नाम से धान खरीदी की जा सकेगी। गिरदावरी के समय सभी किसानों को आधार नंबर एवं मोबाइल नंबर रखना होगा।

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