35 लाख की चोरी के मामले में पुलिस को नहीं मिली सूराग

कोरबा 29 जून। कोसाबाड़ी क्षेत्र में एक व्यवसायी के आवास को निशाना बनाने के साथ वहां से 35 लाख की चोरी करने वाले आरोपी आखिर कौन थे, इस बारे में अब तक कोई पता नहीं चल सका। इस घटना को आज एक वर्ष पूरे हो रहे हैं। यह बात अलग है कि मामले की जांच के लिए पुलिस की कई टीमों को जतन किये लेकिन सबकुछ बेनतीजा रहा। 365 दिन के बाद इस मामले की चर्चा हो रही है।

29-30 जून 2020 की रात्रि यह घटना रामपुर पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत हुई थी। खरमोरा के औद्योगिक परिसर में डीडी स्टील नामक कारोबार का संचालन करने वाला अग्रवाल परिवार कोसाबाड़ी में निवासरत है। उसकी रिश्तेदारी में वैवाहिक समारोह आयोजित हुआ था। इसमें शामिल होने के लिए परिजन नैला जांजगीर गए हुए थे। निवास पर कोई सदस्य मौजूद नहीं थे। 40 घंटे से अधिक समय के बाद परिवार की उपस्थिति कोरबा में दर्ज हुई। इससे पहले यहां चोरी की घटना हो गई। अज्ञात आरोपियों ने मौके पर नुकसान पहुंचाने के साथ भीतर प्रवेश किया और मजबूत आलमारी में रखे 35 लाख नगद व अन्य सामान पार कर दिए। 1 जुलाई की सुबह कोरबा पहुंचने पर इन लोगों को सब कुछ अस्त-व्यस्त नजर आया। भीतर जाने पर पता चला कि अनहोनी हो गई है। मामले की जानकारी देने के बाद पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी यहां पर पहुंचे थे जिन्होंने कई एंगल से घटना का आंकलन किया। इस घटना को हुए एक वर्ष का समय पूरा हो चुका है। बावजूद इसके किसी प्रकार की प्रगति मामले में नहीं हो सकी। हैरानी इस बात पर जताई जा रही है कि अनेक मामलों में आरोपियों की धरपकड़ हजारों किलोमीटर दूर से करने में सफलता के परचम लहराने वाली पुलिस को लाखों की चोरी के मामले में अब तक कुछ खास जानकारी नहीं मिल सकी है। इधर कोतवाली पुलिस ने एक दिन पहले राजू साहू के निवास पर चोरी करने के लिए घुसे एक युवक को पकड़ा है। डायल 112 की टीम ने इस काम को अंजाम दिया। मकान मालिक की सूचना पर कार्यवाही की गई।

कोसाबाड़ी में हुई चोरी की इस घटना को काफी गंभीरता से लिया गया था। बड़ी मात्रा में नगदी और सामानों को पार किये जाने में आखिर कौन सा गिरोह शामिल हो सकता है, इसका पता लगाने के लिए कई स्तर पर जांच-पड़ताल शुरू की गई। उन दिनों इस मामले की तह पहुंचने के लिए पांच टीमें गठित की गई थी। इनमें कई धुरंधर शामिल किए गए थे। जिन्हें अपराध अनुसंधान के मामले में काफी माहिर माना जाता है। यहां-वहां काम करने और कुछ संदेहियों से पूछताछ करने के बाद कुल मिलाकर मामला सिफर रहा। आरोपियों को हर हाल में दबोचने के लिए किसी तरह की कोर.कसर बाकी ना रहने पाए, इस पर भी विशेष ध्यान दिया गया। घटना स्थल और आसपास ही नहीं बल्कि बड़े हिस्से तक पुलिस ने नजर दौड़ाई। उस दौरान कोसाबाड़ी से लेकर घंटाघर इलाके में सडक़ के दोनों तरफ लगे सीसीटीवी से फुटेज हासिल किये गए। इनका अध्ययन किया गया। उम्मीद जताई जा रही थी कि इसके जरिए काफी कुछ जानकारी हासिल की जा सकेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका। इस घटना के बाद विभिन्न क्षेत्रों में लोगों की भागीदारी से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

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