सहायक ग्रेड-3 में मिली नौकरी, मिट गई सब परेशानी, अनुकंपा नियुक्ति श्रीमती विद्या कंवर का बना सहारा

कोरबा 21 जून 2021। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अनुकंपा नियुक्ति में 10 प्रतिशत की सीमा बंधन को समाप्त करने की घोेषणा कई परिवारों को दुःख से उबारने और आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करने में मदद कर रहा है। शासकीय विभागों में शासकीय सेवकों के मृत्यु उपरांत उनके परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जा रही है। घर के कमाउ सदस्य के चले जाने से परिवार को दुःख के साथ आर्थिक विपत्तियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थितियों से राज्य के लोगों को उबारने और उनकी मदद करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को सरल करने और निश्चित समय में पूरा करने की पहल की। विकासखंड पोंड़ीउपरोड़ा के ग्राम मानिकपुर निवासी श्रीमती विद्या कंवर अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त करने के बाद 18 जून को आयोजित लोकार्पण-भूमिपूजन समारोह में मुख्यमंत्री श्री बघेल से वर्चुअल बातचीत की। श्रीमती विद्या कंवर ने मुख्यमंत्री को बताया कि मेरे पति स्वर्गीय श्री दिनेश्वर सिंह कंवर शिक्षक एल.बी. के पद पर पूर्व माध्यमिक शाला मानिकपुर पोंड़ीउपरोड़ा में कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के बाद परिवार बिखर गया था। लेकिन छत्तीसगढ़ सरकार के अनुकंपा नियुक्ति में हुए बदलाव से मुझे सहायक गे्रड-तीन के पद पर नियुक्ति मिली। शासन-प्रशासन का इस दिशा में मुझे भरपूर सहयोग मिला।
श्रीमती कंवर ने बताया कि मुझे नौकरी मिल जाने से परिवार को चलाने और बच्चों को शिक्षित करने में बहुत मदद मिलेगी। श्रीमती कंवर ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार भी जताया। श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल में बहुत से शासकीय सेवकों ने नौकरी करते हुए अपनी जान गंवाई है। ऐसे समय में अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को सरल करना शासन की प्राथमिकता रही है। अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया सरल हो जाने से सैकड़ों हजारों लोग प्रदेश में लाभान्वित हुए हैं तथा दुःख की घड़ी मे उनके परिवार को सहायता मिली है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्रीमती विद्या कंवर से महतारी दुलार योजना से मिल रहे लाभों के बारे में भी पूछा। श्रीमती विद्या कंवर ने बताया छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना के तहत मेरे पुत्र को शिक्षा भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे मेरा पूरा परिवार खुश है।

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