काॅलेज की पढ़ाई के बाद बेरोजगारी ने सताया, खुद की खेती शुरू कर 40 लोगों को दे रहा रोजगार

  • सुरेश निर्मलकर युवाओं के लिए खेती से आर्थिक लाभ कमाने का बन रहे रोल माॅडल
  • मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा किसानों की सहायता करने सरकार हमेशा तत्पर

कोरबा 21 जून 2021. कोरबा शहर के निवासी श्री सुरेश निर्मलकर खेती करके आर्थिक लाभ कमाने के कारण युवाओं के रोल माॅडल के रूप में उभर कर सामने आ रहे हैं। शहर के तुलसी नगर निवासी श्री सुरेश युवाओं को खुद खेती करने और दूसरों को भी खेती में शामिल करके आर्थिक लाभ कमाने का प्रेरणा दे रहे हैं। काॅलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद बेरोजगारी से परेशान श्री सुरेश ने खेती शुरू करके आर्थिक लाभ कमा रहे हैं साथ ही गांव के 40 लोगों को भी अपने खेती से जोड़कर रोजगार प्रदान कर रहे हैं। 18 जून को राजीव गांधी आडिटोरियम में विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन के वर्चुअल समारोह में प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ने सुरेश निर्मलकर से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सुरेश की मेहनत, लगन और खेती के प्रति सकारात्मक सोच के लिए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन किसानों को हर संभव मदद करने के लिए हमेशा तत्पर है। शासन की किसान हितैशी योजनाएं किसानों को आर्थिक लाभ प्रदान करने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती देने के लिए संचालित किए जा रहे हैं।
श्री सुरेश ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि काॅलेज में बीए की पढ़ाई पूरा करने के बाद रोजगार का कोई साधन नहीं मिलने से परेशान रहता था। उन्होंने खेती करने का निश्चय करते हुए राज्य शासन की उद्यानिकी विभाग की मदद सेे खेती करने की तकनीक सीखी। उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित योजना एवं सहयोग से उनके खेती करने के फैसले में काफी सकारात्मक बदलाव आया। श्री सुरेश ने बताया कि उद्यानिकी विभाग से प्राप्त ड्रिप, मल्चिंग, सीड, सोलर पंप तथा अन्य तकनीकी सहयोग से खेती करने के लिए प्रोत्साहन मिला। श्री सुरेश ने बताया कि शुरूआत में उन्होंने पतरापाली में लीज़ पऱ जमीन लेकर खेती शुरू की। एक एकड़ में खीरा का फसल उगाकर छह लाख रूपए का लाभ कमाया। बरबट्टी की फसल लेकर दो लाख 82 हजार रूपए का लाभ कमाया। उन्होंने बताया कि ग्राम गोढ़ी में 10 एकड़ जमीन लीज़ पर लेकर सब्जी उत्पादन का व्यवसाय निरंतर चालू रखा। श्री सुरेश वर्तमान में ग्राम कोरकोमा में 20 एकड़ जमीन पर सब्जी उत्पादन कर रहे हैं तथा लगभग 40 लोगों को खेती से रोजगार प्रदान भी कर रहे हैं। उन्होंने युवाओं को प्रेरणा स्रोत के रूप में खेती ही करने और खेती से जोड़कर लोगों को संबल बनाने में योगदान देने की बात कही।

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