छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले पर स्थिति स्पष्ट करें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी: भाजपा
भाजपा विधायकों ने कहा- मुख्यमंत्री पर संशय की वजह से काम नही कर रहे अधिकारी और मंत्री
ढाई साल के फ़ार्मूले के मुद्दे पर अपने ही पैंतरों में उलझी कांग्रेस में अब अपनी सरकार के भविष्य को लेकर डर और हताशा दिखाई दे रही है और अब वह आनन-फानन डैमेज़ कंट्रोल में जुटी है
रायपुर 17 जून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश विधायक दल ने कांग्रेस की कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। भाजपा विधायकों ने बुधवार को अपने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि यदि ऐसा कुछ नहीं था तो फिर ढाई साल से इस बारे में चल रही चर्चाओं को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने खंडन अब तक क्यों नही किया ? भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक सहित सभी भाजपा विधायकों बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कँवर, पुन्नूलाल मोहले, अजय चंद्राकर, नारायण चंदेल, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, शिवरतन शर्मा, डमरूधर पुजारी, रंजना साहू, विद्यारतन भसीन, रजनीश सिंह और सौरभ सिंह ने कांग्रेस में इस मुद्दे को लेकर मची उथल-पुथल को सत्ता व संगठन में वर्चस्व की लड़ाई बताया है।
भाजपा विधायकों ने कहा कि कांग्रेस शासन के अब तक के कार्यकाल में सिंहदेव खेमे की घोर उपेक्षा भी राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में रही है। स्वयं मंत्री सिंहदेव ने कई मौक़ों पर अपनी उपेक्षा का दर्द बयान किया है। प्रदेश सरकार में एक खेमे द्वारा हर मौक़ों पर मंत्री सिंहदेव की उपेक्षा और महत्वपूर्ण शासकीय निर्णयों, यहाँ तक कि स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठकों तक से दूर रखे जाने का नज़ारा प्रदेश ने देखा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कोरोना के संबंध में बुलाई महत्वपूर्ण बैठक में भी मंत्री सिंहदेव को जाने से रोके जाने की ख़बर सुर्खियों में रही है। यहाँ तक कि मंत्री सिंहदेव को अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग तक से रोका गया था।
भाजपा विधायकों ने कहा कि अब इस बात की सच्चाई भी सामने आनी चाहिए कि मुख्यमंत्री पद के लिए आखिर क्या समझौता हुआ है राज्य में हो रही लगातार ऐसी चर्चाओं से राज्य का काम काज भी पूरी तरह प्रभावित है।मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री पद को लेकर मची घमासान के कारण कोई काम नही कर रहे जिसका प्रभाव सीधे प्रदेश की जनता पर पड़ रहा है।
भाजपा विधायक दल ने कहा कि कांग्रेस और प्रदेश सरकार इसे अपना अंदरूनी राजनीतिक मामला बताकर अपनी ज़वाबदेही से बरी नहीं हो सकती क्योंकि प्रदेश में एक सरकार के भविष्य को लेकर मची ऊहापोह से राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। इसलिए इस मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष को इन सवालों पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि ढाई-ढाई साल के फ़ार्मूले की चर्चा अगर निराधार थी तो फिर प्रदेश की जनता को पहले से ही यह स्पष्ट किया जाना था क्योंकि इस फ़ार्मूले की बात पर हो रही राजनीतिक पैंतरेबाजी के चलते ढाई साल से इस सरकार के कुशासन से प्रदेश की जनता अकारण संत्रस्त होती रही है। भाजपा विधायकों ने कहा कि ढाई साल के फ़ार्मूले पर अपने ही पैंतरों में उलझी कांग्रेस में अब अपनी सरकार के भविष्य को लेकर डर और हताशा दिखाई दे रही है और अब वह आनन-फानन प्रशिक्षण शिविर लगाकर, पाँच विधायकों को प्रवक्ता बनाकर डैमेज़ कंट्रोल में जुटी है। भाजपा विधायकों ने कहा कि आज भी 2.5 साल के फार्मूले की चर्चाएं जोरो पर है उन पर विराम नही लगा और मुख्यमंत्री आनन फानन में शिलान्यास के कार्य करते दिख रहे है जिससे संदेह और गहरा रहा है। अब बिना किसी देर के कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्य्क्ष को सब कुछ साफ कर देना चाहिए।