बंद हुए 500 और 1000 रुपए के नोटों को लेकर आई बड़ी खबर, क्या है आर बी आई के निर्देश….?
नई दिल्ली 15 जून: सरकार की ओर से 8 नवंबर 2016 को 500 और 1,000 रुपए के उस समय चलन में जारी नोटों को बंद कर दिया था. सरकार ने यह कदम कालाधन रखने वालों और आतंकवाद को किए जाने वाले वित्तपोषण के खिलाफ उठाया था. सरकार ने इस दौरान लोगों को बंद किये गये नोटों को अपने बैंक खातों में जमा कराने का अवसर दिया था.
अब इस मामले पर भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वह 8 नवंबर 2016 से लेकर 30 दिसंबर 2016 की अवधि की अपनी शाखाओं और करेंसी चेस्ट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग को अगले आदेश तक अपने पास सुरक्षित रखें. रिजर्व बैंक ने यह आदेश प्रवर्तन एजेंसियों को नोटबंदी की अवधि के दौरान अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद करने के उद्देश्य से दिया है.
विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जांच एजेंसियों ने इस दौरान नये करेंसी नोटों की अवैध तरीके से जमा करने के मामले की भी जांच शुरू की है. इस तरह की जांच की सुविधा के लिये रिजर्व बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह नोटबंदी की अवधि के दौरान की सीसीटीवी फुटेज को अगले आदेश तक नष्ट नहीं करें. उस समय (आठ नवंबर 2016 को) प्रचलन में रहे 500 और 1,000 रुपये के 15.41 लाख करोड़ रुपये के नोटों में से 15.31 लाख करोड़ रुपये के नोट सरकार के पास वापस आए.
सरकार ने 500 और 1,000 रुपए के उस समय प्रचलन में रहे नोटों को बंद कर उनके स्थान पर 500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किये. तब देशभर में बैंक शाखाओं के बाहर भारी भीड़ जुटी थी. लोग बंद किए गए नोटों को बैंक में जमा कराने अथवा उनके स्थान पर नये नोट लेने के लिये बैंकों के बाहर लंबी कतारों में खड़े हुए. दरअसल नोटबंदी के साढ़े चार साल के बाद भी बीच बीच में 500 और 100 रुपए के पुराने नोट के मामले सामने आते रह रहे हैं. जिसे लेकर कई सवाल भी उठाएं गए हैं. ऐसे में आब ईडी की जांच में बैंकों की सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग अहम भुमिका निभा सकती है.