पंगा बाबा को दी गई शास्त्रार्थ की चुनौती
*ज्योतिष शास्त्र पर रामदेव बाबा के दिए गए बयान पर काशी के विद्वानों में नाराजगी*
वाराणसी 5 जून: बाबा रामदेव की पंगा लेने की आदत पड़ गई हैं। एक पंगा अभी खत्म नहीं होता दूसरा पंगा शुरू कर देते हैं। अब बाबा का विवादों से पीछा छूटे भी तो कैसे? बाबा रामदेव ने पहले एलोपैथी फिर ज्योतिष शास्त्र पर बयान देकर अपने लिए मुसीबत खड़ी कर ली हैं। ज्योतिष शास्त्र पर दिए गए बयान के बाद काशी के विद्वानों में नाराजगी है।
इस सिलसिले में वैदिक एजूकेशनल रिसर्च सोसायटी के संस्थापक पं. शिवपूजन शास्त्री ने रामदेव को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है। ज्योतिषाचार्य पं. शिवपूजन शास्त्री ने कहा कि बाबा रामदेव को बयान देने से पहले ज्योतिष शास्त्र का अध्ययन कर लेना चाहिए। इस तरह के गलत बयान नहीं देने चाहिए। ज्योतिष शास्त्र में 2020 में विषाणु के संक्रमण का स्पष्ट वर्णन किया गया है। वे चाहेे तो काशी के विद्वानों द्वारा बनाए गए पंचांग को देख सकते हैं। रामदेव का ज्योतिष पर उंगली उठाना पूरी तरह से गलत है, वेदों और उपनिषदों ने तो बहुत पहले ही बता दिया था कि कलिकाल में विषाणु जनजीवन को प्रभावित करेगा। मुहूर्त शास्त्र में वर्णित है मुहूर्त की आलोचना वेद की आलोचना है।
याद रहे कि योग गुरु बाबा रामदेव ने बयान दिया था कि ज्योतिष विद्या ने क्यों नहीं कोरोना काल के बारे में पहले जानकारी दी। सारे मुहूर्त भगवान ने बना रखे हैं। ज्योतिषी काल, घड़ी, मुहूर्त के नाम पर बहकाते रहते हैं। बैठे- बैठे ही किस्मत बताते हैं। किसी ज्योतिषी ने यह नहीं बताया कि कोरोना आने वाला है। किसी ने यह नहीं बताया कि इसके बाद ब्लैक फंगस भी आने वाला है। किसी ने यह भी नहीं बताया कि कोरोना का समाधान बाबा रामदेव कोरोनिल से देने वाले हैं।