एस.ई.सी.एल. दीपकाः उत्पादन स्थल से रोडसेल की गाड़ियों में कोयला लदान, दुर्घटना की आशंका

कोरबा 2 जून। साऊथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एस.ई.सी.एल.) की दीपका कोयला खदान के भीतर सुरक्षा नियमों को दरकिनार कर रोडसेल की गाड़ियों को प्रवेश दिया जा रहा है और कोयला लोडिंग की जा रही है। इस प्रक्रिया के दौरान कभी भी कोई गंभीर हादसा हो सकता है।

मिली जानकारी के अनुसार सामान्य रूप से उत्खनन करने के बाद कोयला को खदान से बाहर लाकर संग्रहित किया जाता है। इन्हीं निर्धारित स्थलों से खरीददारों को कोयला उठाने की सुविधा दी जाती है। ये डंपिंग स्थल खदान से बाहर ऊपरी हिस्से में खदान के आस-पास होते हैं। खदान के भीतर से एस.ई.सी.एल. अपने संसाधन से अथवा ठेके के माध्यम से कोयले क ो बाहर लाता है। दरअसल खदान का भीतरी हिस्सा अत्यधिक संवेदनशील होता है। उत्खनन गतिविधियों में बड़ी-बड़ी मशीनें लगी होती हैंं। सामान्य वाहनों को भीतर प्रवेश देने पर गंभीर दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। लिहाजा सुरक्षा की दृष्टि से कड़े नियम प्रभावी रहते हैं। खदान के सामान्य लोगों का प्रवेश और आवागमन प्रतिबंधित रहता है। लेकिन दीपका कोयला खदान प्रबंधन पिछले कुछ दिनों से सुरक्षा मापदंडों का खुला उल्लंघन कर खतरे को आमंत्रण दे रहा है।

सूत्रों के अनुसार दीपका खदान प्रबंधन ने कोयला खदान के भीतर 18, 19 और 20 नम्बर लोडिंग पाइंट बनाया है। ये लोडिंग पाइंट कोयला उत्पादन स्थल पर हैं, जहां से उत्पादित कोयला का रोडसेल की गाड़ियों में लदान किया जा रहा है। दीपका प्रबंधन की तुगलकी व्यवस्था के कारण रोडसेल की गाड़ियों को खतरा उठाकर खदान के भीतर कोयला उत्पादन स्थल तक जाना पड़ रहा है। खदान के भीतर बड़े-बड़े डम्फर और अन्य मशीनों चलती रहती हैं। खदान के उत्पादन स्थल तक पहुंचने वाली सड़क की हालत भी खराब है, खड़ी चढ़ाव है। इस रास्ते से खदान के भीतर जाना भी खतरनाक है और कोयला लोडकर बाहर निकलना तो और अधिक कठिन है। चढ़ाव भरी सड़क के कारण कई बार अनेक कोयला लदे ट्रक जवाब दे देते हैं। ऐसी स्थिति में सड़क पर डोजर खड़ा कर रखा जाता है, जो ट्रक को पीछे से ढेलकर खदान के बाहर समतल स्थल पर पहुंचाता है।

बहरहाल वर्तमान सूखा मौसम में तो रोडसेल की गाड़ियां किसी तरह खदान से आवागमन कर रही हैं। लेकिन बारिश के मौसम में यह संभव प्रतीत नहीं होता। वर्षा काल में भी खदान से कोयला लदान किया जाता है, तो यह तय है कि आये दिन खदान के भीतर गंभीर दुर्घटनाएं होंगी। आश्चर्य की बात तो यह है कि खान सुरक्षा निदेशालय और खनिज विभाग भी इस मामले में खामोश बैठा है। शायद उन्हें किसी गंभीर हादसे का इंतजार है। दीपका प्रबंधन के इस दुस्साहस की भी क्षेत्र में सरगर्म चर्चा है। कहा तो यह भी जा रहा है कि कोयला खदान से ऊपरी सतह तक कोयला परिवहन के नाम पर करोड़ों रूपयों के घोटाले को अंजाम देने की भी योजना इस नई व्यवस्था की पीछे है? बहरहाल उत्पादन स्थल से रोडसेल की गाड़ियों में कोयला लदान के कारण कभी भी कोई गंभीर हादसा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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