मुंगेली: अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा मिडिया को धमकी, पत्रकारों ने की निंदा; कलेक्टर ने दिया जांच करने का आश्वासन
मुंगेली 1 जून। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व नवीन भगत के द्वारा मीडिया के खिलाफ जारी किए गए नोटिस से मुंगेली मीडिया जगत में खासी नाराजगी देखी जा रही है। फ्री प्रेस के खिलाफ एक प्रशासनिक अधिकारी के इस रवैया को लेकर आक्रोशित मीडिया कर्मियों ने मुंगेली जिले के कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर अपनी नाराजगी और विरोध व्यक्त किया है।
दरअसल स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने शिकायत दर्ज कराई थी कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व मुंगेली नवीन भगत द्वारा 3 मई को जरहागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित टीकाकरण शिविर में पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों को धमकाते हुए सीएमओ को थप्पड़ मारने का विवादित बयान दिया गया था। इस मामले में स्वास्थ्य कर्मियों ने भी गहरी आपत्ति जताते हुए कलेक्टर, स्वास्थ्य संचालक और सांसद को भी ज्ञापन दिया था और जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही ना होने पर कोविड-19 संबंधित कार्य न करने की चेतावनी दी थी।
मुंगेली के लिए इस महत्वपूर्ण खबर को अन्य मीडिया संस्थानों समेत एस भारत न्यूज़ पोर्टल ने भी प्रकाशित किया था। इस मामले में कार्यवाही ना होने पर एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने एस डी एम नवीन भगत के खिलाफ कार्यवाही की मांग के साथ कलेक्टर और सांसद अरुण साव को ज्ञापन सौंपा था। स्वास्थ्य विभाग के अलावा अन्य कई कर्मचारी और सामाजिक संगठनों ने भी इस मुद्दे पर उन्हें समर्थन दिया था। प्राप्त विज्ञप्ति और कर्मचारियों के बयान के आधार पर एस भारत न्यूज़ पोर्टल में यह खबर प्रकाशित की गई थी। अब इससे चिढ़ कर अनुविभागीय अधिकारी नवीन भगत द्वारा एस भारत न्यूज़ के संपादक और संवाददाता को धमकाते हुए लीगल नोटिस भेजा गया है, जिसमें इस खबर को निराधार और मनगढ़ंत बताया गया है। जबकि पोर्टल के पास समाचार प्रकाशन का पुख्ता आधार मौजूद है। इससे पहले भी कई मामलों में विवादों में घिरे रहने वाले अधिकारी नवीन भगत प्रेस की स्वतंत्रता का हरण कर अभिव्यक्ति की आजादी को छीनने का प्रयास कर रहे हैं। लोकतंत्र के चौथे पाये मीडिया पर प्रशासनिक दबाव बनाकर उन्हें सच उजागर कर अपना काम करने से अप्रत्यक्ष रूप से रोका जा रहा है। अपनी खराब छवि को ठीक करने की बजाय सच दिखाने वाले आईने को ही तोड़ने की इस कोशिश को लेकर मुंगेली पत्रकार जगत के साथ राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों में भी गहरी नाराजगी है, जिनका मानना है कि अधिकारी नवीन भगत की इन गतिविधियों से मुंगेली जिला प्रशासन की भी छवि खराब हो रही है और संदेश यह जा रहा है कि जिला प्रशासन मीडिया की आवाज को रोकने का प्रयास कर रहा है।
दिलचस्प विषय यह है कि एस डी ओ नवीन भगत के खिलाफ शिकायत स्वास्थ्य कर्मचारियों और अन्य कर्मचारी संगठनों ने की है लेकिन उन्हें गलत साबित करने की जगह नवीन भगत अपनी ताकत मीडिया को गलत साबित करने और उन पर कानूनी कार्यवाही कर उन्हें परेशान करने में लगा रहे हैं। जिस समय प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून और फ्री प्रेस की हिमायती सरकार है उस दौरान मुंगेली के एक जिम्मेदार अधिकारी द्वारा इस तरह से ना केवल पत्रकारों के मौलिक अधिकार का हनन किया जा रहा है बल्कि उन्हें लीगल नोटिस से धमकाने और परेशान करने की कोशिश भी की जा रही है जिसे लेकर मुंगेली के पत्रकारों ने गहरा रोष जताया है और मुंगेली कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर ऐसे अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। कलेक्टर से मिलकर मुंगेली और आसपास के मीडिया जगत के पत्रकारों ने घटना की कड़ी निंदा की है। कलेक्टर ने भी इस मामले में पूरी गंभीरता से जांच कर कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। मुंगेली कलेक्टर पी एस एल्मा से मुलाकात कर पत्रकारों ने कहा कि मीडिया पर बेवजह मानसिक दबाव बनाने की मंशा से अधिकारी नवीन भगत के द्वारा मीडिया कर्मी के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से जारी किए गए नोटिस में आरोप लगाया गया है कि समाचार मिथ्या और आधारहीन है जबकि पत्रकार के द्वारा जो समाचार लिखा और प्रकाशित किया गया वो सब स्वास्थ्य विभाग के ज्ञापन के आधार पर है। इस पूरे मामले को कलेक्टर ने ध्यान से सुना और सभी पत्रकारों को आश्वासन दिया कि पूरे मामले को समझकर जांच कर शीघ्र उचित कार्यवाही की जाएगी। इस दौरान मुंगेली जिला मुख्यालय के पत्रकारों के साथ साथ लोरमी, जरहागाँव फास्टरपुर के पत्रकार भी मौजूद थे।