राजीव गाँधी किसान न्याय योजना : आज से शुरू हुआ पंजीयन, 30 सितंबर तक किसान पोर्टल पर करा सकेंगे पंजीयन
- सभी श्रेणी के भू-स्वामी और किसान होंगे पात्र
- योजना में शामिल फसलों की खेती करने वाले पंजीकृत किसानों को ही मिलेगी आदान सहायता राशि
कोरबा 01 जून 2021. राज्य सरकार द्वारा खेती और किसानों की बेहतरी के लिए शुरू की गई राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत कृषक पंजीयन आज से शुरू हो गया है। यह पंजीयन योजना के वेब पोर्टल पर 30 सितम्बर तक होगा। किसान अपनी सहूलियत के अनुसार योजना के तहत लाभ लेने के लिए अपना पंजीयन पोर्टल https://rgkny.cg.nic.in पर करा सकते हैं। प्रदेश में फसल विविधीकरण, कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता में बढ़ोत्तरी, फसल के काश्त लागत की प्रतिपूर्ति कर किसानों की आय में वृद्धि के उद्देश्य से राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई हैं। राज्य शासन द्वारा योजना के लिए चालू खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय रायपुर द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों का पंजीयन जरूरी होगा। पंजीयन के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना का पोर्टल https://rgkny.cg.nic.in 30 सितंबर 2021 तक किसान पंजीयन के लिए सक्रिय रहेगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी किसान पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले किसान इस योजना के पात्र नहीं होंगे। इस योजना के तहत खरीफ 2021 से धान के साथ खरीफ की प्रमुख फसल मक्का, कोदो-कुटकी, सोयाबीन, अरहर तथा गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से नौ हजार रूपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा पंजीयन कराकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला, पपीता की खेती करता है या वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ दस हजार रूपए के मान से आदान सहायता मिलेगी। धान की खेती के बदले वृक्षारोपण करने वाले किसानों को तीन साल तक आदान सहायता दी जाएगी।
इस योजना के तहत पंजीकृत किसान को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा। जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर किसान पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नम्बरदार नाम से किया जाएगा। इसके लिए कृषकों को आवेदन पत्र के साथ सभी खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र तथा अन्य आवश्यक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी। जिसका बटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत सम्मिलित फसल के रकबे के निर्धारण के लिए राजस्व विभाग के भुईंया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े को ही उपयोग किया जाएगा। सभी फसलों का किसानवार, खसरावार बोए गए फसल के क्षेत्राच्छादन की जानकारी राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से की जाएगी। गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि अथवा भिन्नता पाए जाने पर प्रचलित निर्देश एवं प्रक्रिया के अनुसार राजस्व विभाग द्वारा सुधार का कार्य किया जाएगा। राजस्व रिकार्ड में दर्ज रकबा एवं किसान द्वारा बोए गए वास्तविक रकबे में भिन्नता पाए जाने पर संबंधित अधिकारी तथा पर्यवेक्षण करने वाले अमलों की जवाबदेही तय कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। योजना अंतर्गत पोर्टल में पंजीकृत कृषकों को नोडल बैंक के माध्यम से किस्तों में आदान सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में अंतरित की जाएगी।