नगर निगम कोरबा की हमेशा की कहानी.. चहेतों पर मेहेरबानी, लाचारों को परेशानी
➡️ भुगतान की समस्या को लेकर छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ने निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन
कोरबा 25 मई। नगर निगम कोरबा में कई महीनों से व्याप्त भुगतान की समस्या को लेकर आज छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन के द्वारा निगमायुक्त को ज्ञापन सौंपकर ठेकेदारों के लंबित भुगतान यथाशीघ्र रिलीज करने का निवेदन किया गया है। छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन कोरबा जिला अध्यक्ष राजेंद्र तिवारी व जिला सचिव असलम खान के द्वारा यह ज्ञापन दिया गया।
अपने ज्ञापन में उन्होंने बताया कि जिले में 12 अप्रैल से लॉकडाउन लगने के पश्चात भी मानवता के नाते ठेकेदारों द्वारा अपने लेबरों को सुचारू रूप से भुगतान किया जा रहा है, परंतु निगम की ओर से भुगतान न होने के कारण अब ठेकेदारों के समक्ष भी विभिन्न आर्थिक समस्याएं खड़ी हो रही है। भुगतान के अभाव में ठेकेदारों के सामने अपने परिवार के पालन पोषण की समस्या खड़ी हो गई है, ऐसे में वह मजदूरों को कैसे भुगतान कर पाएंगे। वर्तमान में निर्माण कार्य के भुगतानों के अलावा सुरक्षा व परफॉर्मेंस गारंटी की राशि का भी भुगतान काफी समय से लंबित है। इसके अतिरिक्त नए वित्तीय वर्ष से आयकर कटौती की नई दर लागू हो जाने के कारण भुगतान की कई फाइलें आयकर कटौती में सुधार हेतु वापस भेज दी गई थी परंतु उन फाइलों में आज दिनांक तक सुधार कार्य नहीं किया गया है, जिसके कारण निर्माण कार्य करने के पश्चात भी ठेकेदारों का कई महीनों से भुगतान लंबित है। एसोसिएशन ने इन समस्त समस्याओं की ओर निगमायुक्त का ध्यान आकर्षित कराते हुए जल्द से जल्द इनके निराकरण व ठेकेदारों को भुगतान कराने का निवेदन किया है।
रसूखदार और चहेतों को किया भुगतान, आम इंसान हो रहा परेशान
छत्तीसगढ़ कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन जिला इकाई कोरबा के सचिव व नगर निगम कांट्रेक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष असलम खान ने बताया की नगर निगम में भुगतान की समस्या आज की नहीं है अपितु कई महीनों से व्याप्त है। भुगतान हेतु बढ़ाई गई फाइलों को आयकर कटौती में सुधार करने के नाम पर वापस भेज दिया गया परंतु उन फाइलों में सुधार कार्य करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। इसके अलावा ठेकेदारों की सुरक्षा निधि व परफारमेंस गारंटी का भुगतान भी अज्ञात कारणों से नहीं किया जा रहा है। अब वर्तमान में अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन में ड्यूटी लगे होने का बहाना बनाया जा रहा है। लेकिन यह सब समस्याएं तो एक आम ठेकेदार के लिए ही है।
उनका आरोप है कि कुछ रसूखदार और अधिकारियों की जेब गर्म करने वाले उनके चहेते ठेकेदारों के लिए नियम व कायदे अलग हैं। उनके लिए निगम के दरवाजे 24 घंटे खुले हैं और अधिकारियों द्वारा बैक डोर से उनकी फाइलों को क्लियर कर भुगतान कराया जा रहा है। एक ओर जहां अन्य ठेकेदारों को लॉकडाउन का लॉलीपॉप दिया जा रहा है, वहीं अधिकारियों को मुंह मांगा चढ़ावा चढ़ाने वाले ठेकेदार बिरादरी के जयचंदो के लिए बाबुओं को विशेष तौर पर निगम में बुलाकर भुगतान कराया जा रहा है। इतना ही नही लेखा अधिकारियों द्वारा कई ठेकेदारों को मिलने बुलाया जा रहा है। उनसे कहा जा रहा है आकर मिलने के बाद उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। आपदा में अवसर तलाश चुके निगम अधिकारी केवल अपनी तिजोरी भरने में लगे हुए हैं, भले ही इसके परिणाम स्वरूप किसी व्यक्ति का परिवार सड़क पर आ जाए या भूखा मर जाए।