IAS है या सड़कछाप गुंडा.. युवक का तोड़ दिया मोबाइल, फिर लाठी डंडो से पिटवाया
सूरजपुर के पूर्व कलेक्टर की बीच सड़क गुंडई.. कहा “चल निकल”.. फिर युवक का तोड़ा मोबाइल और पुलिस जवानो से पिटवाया
सूरजपुर (नवनीत शुक्ला)। शनिवार को जिले के तत्कालीन कलेक्टर रणवीर शर्मा कुछ अलग ही तेवर में नजर आए। उनके अनुसार वह जिले में लॉकडाउन का पालन करवाने निकले थे। इस बीच उनका सामना एक युवक से हुआ। साहब ने उससे पूछताछ की फिर कुछ समय पश्चात कहा “चल निकल“। इतना कह साहब भी अपनी गाड़ी की तरफ लौटने लगे अचानक उन्हें कुछ खटका, वह वापस लौटे, युवक का मोबाइल मांगा और उसे जमीन पर पटक कर तोड़ दिया फिर युवक को खींचकर एक तमाचा जड़ दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को इशारा किया। साहब का इशारा समझते ही सुरक्षाकर्मियों ने युवक पर डंडे बरसाने शुरू कर दिए।
बता दें कि कलेक्टर साहब शनिवार को सुबह से ही गुस्से में थे। साहब गश्त के दौरान सड़क पर दिखने वाले आम लोगों को पुलिस से पिटवा रहे थे। उनके द्वारा जारी लॉकडाउन फरमान की जनता द्वारा नाफरमानी उन्हें बर्दाश्त नही थी, भले ही सामने वाला किसी अति आवश्यक कार्य से निकला हो या सरकारी ड्यूटी पर। जिस पर दया आ रही थी उसका 500 रुपए का चालान काटने का आदेश दे रहे थे।
साहब इतने तैश में थे कि सड़क पर निकले किसी भी व्यक्ति की पहचान और घर से निकलने के कारण से उन्हें कोई सरोकार नही रह गया था। साहब ने चेकिंग के दौरान एक बाइक सवार को रोका। उसने अपना आईकार्ड दिखाया, परंतु कलेक्टर साहब का दिमाग गरम था। कार्ड को दरकिनार कर पुलिस जवान से बोले क्या देख रहे हो लगाओ एक डंडा। हड़बड़ा कर युवक बाइक से उतरा बोला “सर मेरी कोविड में ड्यूटी लगी है कर्मचारी हूं”। तब जाके दूसरे अफसरों ने उसे जाने दिया और वह निर्दोष शासकीय कर्मी कलेक्टर के कोप से बच गया।
इसके बाद महामहिम उस युवक की ओर बढ़े। युवक एक पर्ची दिखाकर कहने लगा कि मैं टेस्ट कराकर आ रहा हुँ, तो खीज खाए कलेक्टर ने कह दिया “चल निकल“। इतना कहकर साहब अपनी गाड़ी की ओर बढ़े। अचानक उन्हें लगा कि युवक उनकी रिकॉर्डिंग कर रहा है। साहब पलटे और युवक को बुलाकर उसका मोबाइल देखने लगे। फिर अचानक उसके मोबाइल को सड़क पर पटक कर तोड़ दिया और युवक को एक थप्पड़ मार दिया। अपने सुरक्षा जवानों को इशारा किया, कहा “देख रहे हो, हमारी रिकॉर्डिंग कर रहा है”। सुरक्षाकर्मी अपने साहब का इशारा समझ गए और युवक पर लाठी-डंडों की बरसात करने लगे। इस बीच युवक चिल्ला चिल्ला कर कहता रहा “भगवान की कसम ये पर्ची देख लीजिए, मैं टेस्ट करवाकर आ रहा हूं”। कलेक्टर ये कहकर निकल गए इसपर FIR करवाओ।
युवक का मोबाइल तत्कालीन कलेक्टर रणवीर शर्मा ने तोड़ने के मकसद से ही जमीन पर पटका क्योंकि उन्हें लगा कि वो कुछ रिकॉर्ड कर रहा है। जबकि आस पास दो लोग पहले ही पूरा वाक्या रिकॉर्ड कर रहे थे तभी तो ये तस्वीर सामने आई।
वीडियो वायरल होते ही मचा बवाल, ट्विटर पर हुआ टॉप ट्रेंडिंग
IAS अफसर रणबीर शर्मा का ये वीडियो सामने आते ही बवाल शुरू हो गया। रात होते-होते यह वीडियो ट्विटर पर नंबर वन ट्रेंड करने लगा। लोगों ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि अफसर अपने पद के घमंड में जरूरतमंदों की तकलीफ भूल जाते हैं। तो किसी ने कलेक्टर के इस रवैये को बेहद गैर जिम्मेदाराना बताया। छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे हिस्सों से भी लोगों ने वीडियो शेयर करते हुए इस घटना पर दुख और गुस्सा जाहिर किया। कई लोगों ने तो रणवीर शर्मा की बर्खास्तगी की मांग कर दी। आईएएस एसोसिएशन ने भी ट्वीट कर रणवीर शर्मा के व्यवहार की कड़ी निंदा की व इसे अस्वीकार्य बताया।
अपने बचाव में बोला झूठ, बाद में मांगी माफी
इस मामले में तत्कालीन कलेक्टर रणवीर शर्मा ने कहा कि “शनिवार और रविवार को हम जिले में टोटल लॉकडाउन का पालन करवा रहे थे। मगर कुछ लोग लापरवाही कर रहे हैं। वो लड़का कभी खुद को नाबालिग कह रहा था, कभी दवा लेने, तो कभी टेस्ट करवाने की बात कह रहा था। वीडियो में डंडा मारने वाले हिस्से को ही जानबूझकर वायरल किया जा रहा है। वो एडिटेड क्लिप है”।
आईएएस रणवीर शर्मा के इन व्यक्तव्यों का कोई आधार देखने को नही मिला। उन्होंने अपने बचाव में कहा कि युवक तेज रफ्तार से गाड़ी चला रहा था व रोकने पर पुलिस वालों को कुचलने व गंभीर चोटें लगने का डर था। परंतु वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि युवक गाड़ी को पैदल खींच कर आगे लेकर जा रहा था।
शाम होते-होते जब साहब को एहसास हुआ की बात बहुत आगे निकल चुकी है तब उन्होंने सोशल मीडिया में वीडियो जारी कर माफी मांगी। परंतु अपने माफी के वीडियो में भी उन्होंने अपनी गलती स्वीकार नहीं की और अपने बचाव में युवक पर ही आरोप लगाते रहे। नतीजा यह रहा कि जनता ने उनकी क्षमा याचना स्वीकार नहीं की और लगातार उनकी बर्खास्तगी की मांग करते रहे।
विवादों से रहा है पुराना नाता
आईएस रणवीर शर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है। वर्तमान प्रकरण के अलावा पूर्व में प्रोबेशन पीरियड में भानुप्रतापपुर के एसडीएम रहते हुए पटवारी से ₹10,000 की रिश्वत लेते महोदय को रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा कोरबा में नगर निगम आयुक्त का इनका कार्यकाल भी विवादित रहा है। कोरबा में निगमायुक्त रहते ठेकेदारों, अन्य कर्मचारियों अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों तथा आम लोगों से इनकी हुज्जत बाजी व अनर्गल बातचीत के किस्से आम थे। वीडियो रिकॉर्डिंग का भय साहब को हमेशा से सताता रहा है। कोरबा में निगमायुक्त रहते अपनी भुगतान की समस्या लेकर आए एक ठेकेदार से भी महोदय का विवाद हुआ था। ठेकेदार के चेंबर से निकलने के बाद साहब को भय हुआ कि कहीं उसने उनकी रिकॉर्डिंग ना कर ली हो। साहब दौड़ते हुए अपने चेंबर से बाहर निकले और वापस जा रहे ठेकेदार को रोककर गार्ड के जरिए उसकी चेकिंग करवाने का आदेश दे दिया। महोदय खुद ठेकेदार के मोबाइल की चेकिंग करने लगे। मोबाइल लॉक अवस्था में मिलने पर उसे खोलने की नाकाम कोशिश की और असफलता हाथ लगने पर ठेकेदार को सुधार देने की धमकी दे डाली थी। ऐसा प्रतीत होता है की ₹10,000 की रिश्वत लेते हुई गिरफ्तारी ने महोदय के दिलो दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है।
साल 2014 में रणबीर शर्मा ने जंगली भालू को गोली मरवा दी थी। तब वो पेंड्रा मरवाही इलाके में SDM थे। वाइल्ड एनिमल प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत टाइगर, पैंथर, भालू की जान लेने पर सात साल तक की सजा का प्रावधान है। इन जानवरों के आदमखोर होने की दशा में भी PCCF वाइल्ड लाइफ की अनुमति के बिना जान नहीं ली जा सकती। इस बारे में बेहद कड़े नियम हैं। गोली मारने के पहले निर्देश हैं कि पहले वन्य प्राणी को जाल में फंसाकर या बेहोश करने वाली गन का इस्तेमाल कर काबू में करने का प्रयास किया जाए। पेण्ड्रा में ऐसा प्रयास करने का सोचा भी नहीं गया। इनके क्रियाकलापों से त्रस्त जनता ने तो इन्हें दस हजारी और भालुमार की संज्ञा भी दे डाली है।
सुबह आँख खुली तो हो गई थी छुट्टी, साहब हुए मंत्रालय अटैच
सुबह जब आँखें खुली तो प्रदेश के मुख्यमंत्री, साहब को चलते बनने का निर्देश दे चुके थे। उनकी जगह रायपुर जिला पंचायत के सीईओ गौरव कुमार सिंह सूरजपुर कलेक्टर पदस्थ किए जा चुके थे और थप्पड़बाज आईएस रणवीर शर्मा को मंत्रालय अटैच कर दिया गया था। इसी के साथ अपने पद के नशे में चूर रहने वाले आईएस रणवीर शर्मा की सर्विस बुक में जुड़े एक नए विवादित अध्याय का अंत हो गया।