बैटरी भंडारण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने 18,100 करोड़ रुपये की पीएलआई स्कीम को दी मंजूरी
नईदिल्ली 13 मई। देश भर में बैटरी भंडारण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने 18,100 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को मंजूरी प्रदान की गई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि “मेक इन इंडिया अभियान” को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम से 45,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है। इस निर्णय से देश में भारी इलेक्ट्रिक वाहनों से लेकर स्कूटी तक की बैटरी बनाने में आसानी होगी।
5 गीगावाट एसीसी क्षमता हासिल करना प्रस्ताव का लक्ष्य
केंद्रीय मंत्री ने बताया, “इस प्रस्ताव का लक्ष्य 50 गीगावाट एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज और 5 गीगावाट एसीसी क्षमता हासिल करना है। मौजूदा समय में भारत 2000 करोड़ रुपये का बैटरी स्टोरेज इक्विपमेंट इंपोर्ट करता है। आज कैबिनेट द्वारा लिए गए निर्णय के बाद अब इस उत्पाद का आयात कम होगा और भारत में ही इसके उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। इससे देश में इलेक्ट्रिकल व्हीकल और इलेक्ट्रिकल मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा, जो सभी तरह के वाहनों में बैटरी का इस्तेमाल हो सकता है।”
हम सभी जानते हैं कि लंबे समय चलने वाली बैटरी और जल्दी चार्ज होने वाली बैटरी की आज ज्यादा जरूरत है। देश में बैटरी स्टोरेज का महत्व कितना है, यह हम सब जानते हैं, इसके अभाव में बहुत सारी चीजें अटकी हैं।
बैटरी स्टोरेज से देश को खासा मदद मिलेगी: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि भारत में फिलहाल 1.36 लाख मैगावाट का सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, लेकिन सौर ऊर्जा से तैयार होने वाली बिजली का उपयोग सिर्फ दिन में ही कर सकते हैं। ऐसे में, यदि बैटरी स्टोरेज होगा तो उसके आधार पर ये काम आसानी से होगा। इसके अलावा कंज्यूमर इलेक्ट्रोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स, रेलवे, शिपिंग में इसके जरिये ढ़ेरों रोजगार सृजित होंगे।
बैटरी स्टोरेज के जरिये डीजल जेनरेटर को रिप्लेस किया जा सकेगा, यह एक अच्छा विकल्प है। ऐसे में, दिन में सौर ऊर्जा के जरिये बिजली उत्पादन और रात में बैटरी स्टोरेज के जरिये उसका इस्तेमाल संभव हो सकेगा।