कोरोना के हल्के लक्षण के मरीजों के लिए सिटी स्कैन खतरनाक, इसमें विशेषज्ञ चिकित्सकों की अलग अलग राय
■ सिटी स्कैन 300 एक्स-रे जितना – एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के दावे को इंडियन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने किया ख़ारिज
नई दिल्ली 6 अप्रेल: कोरोना की दूसरी लहर के कहर में कई नई चीजें देखने को मिली हैं, ऑक्सीजन और रेमडेसिविर के बाद अब लोग सीटी स्कैन को लेकर भागदौड़ कर रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा था कि इससे कोरोना की सटीक जानकारी मिल रही है, इसीलिए लोगों ने सीटी स्कैन के लिए कोशिशें शुरू कर दीं. लेकिन इसी बीच एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने सामने आकर ये दावा किया कि हल्के लक्षण वाले मरीजों में सीटी स्कैन खतरनाक साबित हो सकता है. साथ ही कहा था कि ये 300 चेस्ट एक्स-रे के बराबर है. लेकिन अब इंडियन रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन (आईआरआईए) ने गुलेरिया के इस दावे को खारिज किया है.
जानकारी के अनुसार आई आर आई ए की तरफ से एक बयान जारी कर बताया गया है कि दिल्ली एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया का बयान मिसलीडिंग और कंफ्यूजन पैदा करने वाला है. साथ ही जो उन्होंने सीटी स्कैन को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि एक सीटी स्कैन 300 से ज्यादा एक्स-रे के बराबर होता है, वो तर्क काफी पुराना और गलत है. साथ ही आई आर आई ए ने कहा है कि एक सीनियर डॉक्टर के ऐसे बयान से वो हैरान और निराश हैं.
रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने बताया है कि सीटी स्कैन खासतौर पर उन मरीजों के लिए मददगार साबित होता है, जिनकी हालत गंभीर हो. साथ ही सीटी स्कैन से बीमारी के प्रोग्रेस का भी सटीक अंदाजा लगता है. बयान में कहा गया है कि सीटी स्कैन फेफड़ों में इंफेक्शन का आसानी से पता लगाता है. जिससे समय रहते इलाज करना आसान हो जाता है.
बता दें कि पिछले कुछ हफ्तों से आरटी-पीसीआर टेस्ट के अलावा मरीज सीटी स्कैन करवाने के लिए जा रहे हैं. जिसके बाद कई जगहों से ऐसी खबरें सामने आईं हैं कि लैब और हॉस्पिटल सीटी स्कैन का ओवर चार्ज कर रहे हैं. इसी बीच एम्स के डायरेक्टर ने बयान दिया कि कम लक्षण वाले मरीजों के लिए सीटी स्कैन फायदा कम और नुकसान ज्यादा कर सकता है. गुलेरिया ने कहा था,”जब सीटी स्कैन की जरूरत नहीं है तो उसे कराकर आप खुद को नुकसान ज्यादा पहुंचा रहे हैं क्योंकि आप खुद को रेडिएशन के संपर्क में ला रहे हैं. इससे बाद में कैंसर होने की आशंका बढ़ सकती है.”