भोपाल में कोरोना का कोहराम: पहली बार एक साथ अंतिम सफर पर निकली 41 लाशें

भोपाल 9 अप्रैल: कोरोना संक्रमण की मौजूदा लहर कई राज्यों में बड़ी दिक़्क़त की वजह बनती जा रही है. बीमारों के इलाज के लिए संसाधन की कमी पड़ रही है. वहीं कोरोना संक्रमण की वजह से जान गंवाने वालों के अंतिम संस्कार में भी दिक़्क़तें आ रही हैं.मध्य प्रदेश के कई ज़िलों में शवों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ रहा है.मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हालात दिनों-दिन चिंताजनक होते जा रहे हैं. भोपाल के कुछ संगठनों का दावा है कि राजधानी में ‘गैस त्रासदी के बाद पहली बार ऐसी स्थिति दिख रही है।

ठीक ऐसे ही मध्यप्रदेश की राजधानी में हुआ, जहां एक दिन में 41 कोरोना पॉजिटिव लोगों का अतिम संस्कार किया गया। ऐसा पहली बार हुआ है कि भोपाल में इतनी संख्या में कोरोना मरीजों के शवों का एक साथ अंतिम संस्कार हुआ हो। गुरुवार को भदभदा विश्राम घाट पर 41 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इसमें कोरोना संक्रमित 31 शवों का कोरोना के प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया.।

भोपाल में हालात इतने भयानक हो गए हैं कि पहली बार भदभदा विश्रामघाट पर कोरोना संक्रमितों के लिए तैयार की गई जगह छोटी पड़ गई और नए मरीजों की वजह से नई जगह बनानी पड़ी। बताते चले कि भदभदा विश्रामघाट में कोरोना संक्रमित शवों के अंतिम संस्कार के लिए कुल 12 पिलर तैयार किए गए थे।

जानकारी के अनुसार पहले से मौजूदा जगह पर अंतिम संस्कार की जगह कम पड़ गई तो विद्युत शवदाह के ग्राउंड में नई जगह तैयार करनी पड़ी। इसके अलावा 36 शवों के बाद भी विश्रामघाट में आठ परिवार शव लाने के लिए फोन कर रहे थे लेकिन रात ज्यादा हो जाने की वजह से उन्हें मना करना पड़ा। इसके अलावा भोपाल के सुभाष नगर विश्रामघाट में पांच का दाह संस्कार हुआ और झदा कब्रिस्तान में भी पांच संक्रमित शवों को दफनाया गया।

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