बीजापुर: मौके से चार ट्रेक्टर में भरकर अपने साथियों का शव ले गए नक्सली

■ नक्सलियों ने रॉकेट लॉन्चर से किया हमला

बीजापुर 4 अप्रैल। नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए हैं। कुख्यात नक्सली हिडमा को पकड़ने के लिए जवान उसके मांद में घुसे थे। 2000 जवानों की टीम अलग-अलग इलाकों हिडमा की टीम को पकड़ने के लिए जंगल के अंदर घुस रही थी। नक्सली शुरुआत में जवानों को किसी भी प्रकार से डिस्ट्रब नहीं किया। उन्हें घने जंगलों में अंदर तक घुसने दिया।

सुरक्षा बलों की टीम कई हिस्सों में बंटी हुई थी। एक टीम को हिडमा की बटालियन ने अपनी एंबुश में फंसा लिया है। उसके बाद जवानों की घेराबंदी कर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हिडमा की बटालियन ने जवानों को तीन तरफ से घेर लिया था। जवान घने जंगल में फंसे थे और हिडमा की बटालियन पहाड़ के ऊपर से फायरिंग कर रही थी।

चारों तरफ से घिरे जवानों के पास कोई चारा नहीं बचा था। उसके बाद भी जवानों ने हिडमा की बटालियनको मुंहतोड़ जवाब दिया है। इस हादसे में नक्सलियों को भी बहुत नुकसान हुआ है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि नक्सली मौके से चार ट्रैक्टर में भरकर अपने साथियों के शव ले गए हैं। कुछ दिन पहले ही हिडमा ने पुलिस को चुनौती थी।

बताया जाता है कि हिडमा की सुरक्षा में नक्सलियों की सबसे घातक टीम रहती है। यह टीम अत्याधुनिक हथियारों से लैस है। बताया जाता हैं कि इस टीम में करीब छः सौ की संख्या में नक्सली थे। उन्होंने जवानों के ऊपर हमला किया है। हिडमा खुद कभी छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में शरण लेते है। घटना वाली जगह भी तेलंगाना की सीमा से लगती है।


जानकारीके अनुसार हिड़मा के साथ रहने वाले नक्सलियों के पास कई अत्याधुनिक हथियार है। कई राज्यों की पुलिस भी नक्सली कमांडर हिडमा की तलाश कर रही है। उसके बावजूद भी वह पकड़ में नहीं आया है। पुलिस बल के ऊपर उसकी टीम ने रॉकेट लॉन्चर से हमला किया है। पहाड़ों से नक्सली आसानी से नीचे मौजूद जवानों को अपना निशाना बना रहे थे। घायल जवानों के मुताबिक यू बी जी एल, रॉकेट लॉन्चर और इंसास समेत एके-47 से यू शेप में दोनों पहाड़ियों के बीच घेरकर नक्सली 100 से 200 मीटर की दूरी से फायर कर रहे थे।

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