बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने के लिये ममता ने सोनिया, पवार, केजरीवाल सहित सभी विपक्षियों को लिखा पत्र
कोलकाता 31 मार्च। पश्चिम बंगाल में एक तरफ चुनावी महासंग्राम पूरे उफान पर हैं वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव से आगे बढ़कर बीजेपी के खिलाफ देशव्यापी मोर्चा बनाने की मुहिम शुरू कर दी है। ममता बनर्जी ने बीजेपी विरोधी नेताओं सोनिया गांधी, शरद पवार, एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव, उद्धव ठाकरे, अरविंद केजरीवाल और नवीन पटनायक को पत्र लिखा है।
पत्र में ममता बनर्जी ने सभी नेताओं से ‘बीजेपी के लोकतंत्र और संविधान के हमले’ के खिलाफ संघर्ष के लिए एकजुट होने की अपील की है।
विपक्षी नेताओं को लिखे पत्र में ममता बनर्जी ने बीजेपी और इसकी सरकार पर ‘लोकतंत्र के केंद्र और भारत के संवैधानिक संघीय ढांचे पर हमला’ करने का आरोप लगाते हुए इस पर चिंता जाहिर की है। ममता बनर्जी ने कहा है कि बीजेपी के ऐसा करने का उद्येश्य है कि विपक्षी पार्टियां अपने संवैधानिक अधिकारों और आजादी का प्रयोग न कर सकें। ऐसा करके बीजेपी एक पार्टी की सत्ता स्थापित करना चाहती है।
ममता बनर्जी ने पत्र में दिल्ली में हाल में उपराज्यपाल को असली सरकार बताने वाले कानून का जिक्र करते हुए लिखा है कि केंद्र की बीजेपी सरकार एक के बाद एक राज्यों की चुनी हुई सरकारों को राज्यपाल के माध्यम से नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। इनमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। उन्होंने लिखा है कि ‘राज्यपाल निष्पक्ष संवैधानिक पदाधिकारी के बजाय बीजेपी के पार्टी कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं।’
ममता बनर्जी ने लिखा है केंद्र की सरकार प्रतिशोध की भावना से सीबीआई, ईडी और दूसरी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। टीएमसी सुप्रीमो ने चुनाव के दौरान उनकी पार्टी और डीएमके नेताओं पर ईडी की रेड का जिक्र भी किया है।
इसके साथ ही ममता बनर्जी ने पत्र में राज्यों के बीच धन आवंटन में विषमता, सरकारी कंपनियों के निजीकरण और संस्थाओं को खत्म किए जाने का मुद्दा भी उठाया है।
ममता बनर्जी ने लिखा कि केंद्र की सरकार और राज्यों के बीच संबंध इतने बुरे कभी नहीं रहे हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री का अधिनायकवादी रवैया जिम्मेदार है। उन्होंने कहा है कि मैं दृढ़ता से विश्वास करती हूं कि बीजेपी के लोकतंत्र और संविधान पर हमले के खिलाफ एकजुट होकर संघर्ष करने का समय आ गया है। तृणमूल कांग्रेस की चेयरपर्सन के रूप में मैं सभी एक समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ मिलकर इस संघर्ष में जी जान से काम करूंगी। हम एक जुटकर होकर ही ये लड़ाई जीत सकते हैं।