कोरबा: धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल की उड़ाई गई धज्जियां…!
कोरबा 28 मार्च। छत्तीसगढ़ में गहराते कोरोना संक्रमण के बीच रविवार को कोरबा में कोविड प्रोटोकॉल और धारा 144 का खुलकर उल्लंघन किया गया। जिलाधीश के आदेश और अपील के बावजूद पुराना बस स्टैंड कोरबा में होलिका दहन के लिए बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हुए और शासनादेश की खुलकर धज्जियां उड़ाई गई।
प्रदेश सहित कोरबा में कोरोना का संक्रमण तेजी के साथ पांव पसार रहा है। पिछले 3 दिनों में ही 150 से अधिक नए कोरोना मरीजों की पहचान कोरबा में की गई है। यहां प्रतिदिन बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दिया है। उन्होंने 5 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा जिले में कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। जिलाधीश ने होलिका दहन के लिए विशेष रूप से निर्देश जारी किया जिसमें 5 से अधिक लोगों की उपस्थिति प्रतिबंधित कर दी गई थी। लेकिन कानून को खिलौना समझने वाले शहर के तथाकथित सरमायेदारों ने जिलाधीश के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए खुलेआम सैकड़ों की संख्या में न केवल भीड़ को एकत्रित होने का मौका दिया बल्कि सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में होलिका दहन भी किया।
शासन के सख्त आदेश के बावजूद अपनी स्वयं की और सैकड़ों नगर वासियों की जान को खतरे में डालने के इस कृत्य पर रोकथाम की कोई कार्रवाई भी प्रशासन की ओर से नहीं की गई। बल्कि इस अवसर पर खास तौर पर तैनात जिले के वर्दीधारी भी मूकदर्शक बने रहे। सवाल यह है कि शहर में कोरोना का संक्रमण महामारी का रूप लेता है तो उससे होने वाली जनहानि के लिए कौन जिम्मेदार होगा?
रविवार को हुए होलिका दहन के नजारे को देखने के बाद सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि सोमवार को रंग उत्सव के दौरान शहर में धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल का दौलत के नशे में चूर शहर के बिगड़ैल तबके के लोग क्या हश्र करने वाले हैं। खुले शब्दों में कहा जाए तो सोमवार को भी शहर के बिगड़े नवाब धारा 144 और कोविड प्रोटोकॉल को अपने जूते की नोक पर रखकर पूरे शहर में कोरोना वायरस के संवाहक की भूमिका का निर्वाह करेंगे। बहरहाल रविवार को तो धारा 144 और कोविड प्रोटोकाल का लोगों ने खुलकर उल्लंघन किया लेकिन क्या सोमवार को भी उन्हें शहर के हजारों लोगों के जनजीवन से खिलवाड़ की ऐसी ही छूट जिला प्रशासन और पुलिस की लापरवाही और गैर जिम्मेदारी के चलते हासिल होगी?
यहां उल्लेखनीय है कि अनेक कालोनियों और कैंपस में शहर के तथाकथित प्रतिष्ठित और जिम्मेदार नागरिकों ने सामूहिक रंगोत्सव की तैयारियां कर रखी है। जिस तेजी के साथ पूरे देश, प्रदेश सहित कोरबा शहर में कोरोना संक्रमण का प्रकोप फैल रहा है उसे देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि ऐसे आयोजनों से पूरे शहर में कोरोना का संक्रमण महामारी का रूप ले सकता है। ऐसे हालात में जिला प्रशासन और पुलिस विभाग मूकदर्शक की भूमिका में नजर आता है अथवा कोरबा में कानून का राज संचालित होता है यह देखना दिलचस्प होगा।