विद्युत कंपनी में पदोन्नित पर हाई कोर्ट के आदेश की अवहेलनाः नेताम

कोरबा 28 मार्च। विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ ने कंपनी प्रबंधन पर पदोन्नाति नीति में हाई कोर्ट बिलासपुर के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आदेश की गलत व्याख्या करते हुए स्टे लगे हुए पदों पर पदोन्नाति का रास्ता साफ कर दिया। साथ ही अनुसूचित जाति-जनजाति के लोकसेवकों के लिए 50 प्रतिशत केपिंग का आदेश कर दिया, यह संविधान के विरूद्ध व अधिकार क्षेत्र के बाहर है। कंपनी के इस निर्णय के विरोध में संघ बैनर तले 35 सौ से ज्यादा लोकसेवक सामूहिक अवकाश मास सीएल लेकर विरोध जताएंगे। जरूरत पड़ने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

आरक्षित वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ के महासचिव एचआर नेताम ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि विद्युत कंपनी में हाई कोर्ट बिलासपुर रेगुलर पदोन्नााति जारी रखने के निर्देश दिया था, किंतु कंपनी के अधिकारियों ने इसकी गलत व्याख्या करते हुए एक वर्ष से अनुसूचित जाति-जनजाति के वरिष्ठ लोकसेवकों को भी पदोन्नाति से वंचित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि अनुसूचित जाति-जनजाति के लोकसेवकों को वरिष्ठता सूची में उनकी वरिष्ठता को दरकिनार करते हुए सामान्य वर्ग के कनिष्ठ लोकसेवकों को पदोन्नति कर न्यायालय के आदेश की अवहेलना की जा रही है। संघ ने सदैव इसका विरोध जताया, पर प्रबंधन अनसूनी करते रहा। महासचिव ने कहा कि कंपनी प्रबंधन पर लगातार दबाव बनाए गया, तब बोर्ड आफ डायरेक्टर की बैठक कर अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर प्रस्ताव पारित किया। इसमें हाई कोर्ट बिलासपुर के आदेश की अवमानना की गई है। नेताम ने कहा कि शासन ने पदोन्नति नियम के तहत अनुसूचित जाति के लिए 13, अनुसूचित जनजाति के लिए 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था। इस पर हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया अनुसूचित जाति-जनजाति के पदों पर स्थगन, पर अपात्र नहीं किया। इससे इन पदों पर पदोन्नाति नहीं हो सकी। इसके साथ ही यह व्यवस्था लागू की कि वरिष्ठता के आधार पर नियमित पदोन्नाति जारी रहेगी। इसमें अनारक्षित पदों पर किसी भी वरिष्ठता के आधार पर किसी भी प्रवर्ग की पदोन्नति की जा सकेगी।

कंपनी ने हाई कोर्ट की इस व्यवस्था को गलत व्याख्या करते हुए विद्युत कंपनी ने जिन पदों पर स्टे लगा हुआ है उन पदों पर भी नियम विरुद्ध पदोन्नाति का रास्ता का साफ कर दिया। इससे आरक्षित वर्ग के कुछ लोकसेवकों को पदोन्नति मिल सकेगी, वहीं निचले पदों पर 80 प्रतिशत रिक्त पदों पर सामान्य वर्ग को पदोन्नाति मिल जाएगा। संघ ने इस पर विरोध जताते हुए आंदोलन का निर्णय लिया है। कंपनी अपना निर्णय वापस नहीं लेती है और सामूहिक अवकाश के बाद उग्र आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष प्रवीण कुमार भगत, केके ठाकुर, केमिस्ट रश्मि उसेड़ी, सुभाष भगत, राजेश बंजारा समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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