BIG BREAKING : एसईसीएल दीपका को झटका.. खान सुरक्षा महानिदेशालय ने मलगाँव में उत्खनन पर लगाई रोक.. प्रधानमंत्री कार्यालय ने की कार्यवाही
अधिवक्ता विनय सिंह और न्यूज एक्शन के प्रयासों से मलगाँव वासियों को मिला न्याय
प्रधानमंत्री कार्यालय की कार्यवाही जिला प्रशासन के मुँह पर तमाचा
कोरबा 15 नवम्बर। एसईसीएल दीपका को तगड़ा झटका देते हुए खान सुरक्षा महानिदेशालय ने दीपका खदान एक्सटेंशन 1A के मलगाँव की ओर उत्खनन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का आदेश दिया है। खान सुरक्षा महानिदेशालय ने यह आदेश अधिवक्ता विनय सिंह राठौर द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय में की गई शिकायत पर हुई कार्रवाई के परिपालन में दिया है।
अधिवक्ता राठौर ने 19 अक्टूबर 2024 को एसईसीएल दीपका के द्वारा मालगांव में उत्खनन के दौरान बरती जा रही गंभीर लापरवाहियों को उजागर करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत की थी। अपनी शिकायत में उन्होंने एसईसीएल दीपका पर सुरक्षा मानको को ताक पर रखकर उत्खनन करने का आरोप लगाया था। साथ ही भू विस्थापितों के विस्थापन की व मुआवजे की प्रक्रिया पूर्ण किये बिना ही उत्खनन कार्य शुरू कर देने की शिकायत की थी। शिकायत का संज्ञान लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जांच का आदेश दिया गया था।
उक्त आदेश के परिपालन में डिप्टी डायरेक्टर खान सुरक्षा, बिलासपुर क्षेत्र श्री भद्रू द्वारा दिनांक 5 नवंबर 2024 को मालगाँव में हो रहे उत्खनन कार्य का इंस्पेक्शन किया गया। अपनी जांच में उन्होंने पाया कि एसईसीएल दीपका द्वारा उत्खनन कार्य करने हेतु उत्खनन स्थल पर किसी भी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी ना ही उत्खनन क्षेत्र को आबादी से दूर रखने के लिए फेंसिंग का कार्य किया गया था। जांच में यह भी पाया गया कि एसईसीएल दीपका द्वारा निर्धारित मानकों के विपरीत आबादी से दूरी की तय सीमा को लांघते हुए उत्खनन कार्य किया जा रहा था।
नियमानुसार उत्खनन कार्य आबादी या किसी के मकान से 45 मिटर की दूरी रख करना अनिवार्य है परंतु एसईसीएल दीपका द्वारा 15 मीटर अतिरिक्त उत्खनन करते हुए आबादी से 30 मीटर की दूरी में उत्खनन किया जा रहा था। जांच के दौरान शिकायतकर्ता अधिवक्ता विनय राठौर भी उपस्थित थे जिन पर एसईसीएल दीपका के अधिकारियों द्वारा बहस कर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था जिस पर डिप्टी डायरेक्टर श्री भद्रू द्वारा नाराजगी भी जताई गई थी।
सुरक्षा जांच में एसईसीएल दीपका को कोल माइन रेगुलेशन 2017 के रेगुलेशन 119(1) , 128(1) का स्पष्ट उल्लंघन करते पाया गया। खान सुरक्षा महानिदेशालय ने अपने आदेश में एसईसीएल दीपका को उपरोक्त दोनों रेगुलेशन का पालन सुनिश्चित करने तक मालगांव में उत्खनन कार्य तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। उक्त आदेश अनुसार उत्खनन कार्य शुरू करने से पहले एसईसीएल दीपका को सुरक्षा की दृष्टि से किसी भी प्रकार के अनाधिकारिक प्रवेश को रोकने के लिए उत्खनन क्षेत्र के आसपास फेंसिंग करने तथा उत्खनन कार्य आबादी क्षेत्र व किसी भी व्यक्ति के मकान से कम से कम 45 मीटर की दूरी रखते हुए करने निर्देशित किया गया है। वहीं मुआवजा तथा विस्थापन में बरती जा रही लापरवाहियों की जांच अन्य विभाग द्वारा की जाने की बात कही गई है।
पीएमओ की कार्यवाही जिला प्रशासन के मुँह पर तमाचा
बता दे कि अधिवक्ता विनय सिंह राठौर का यह सराहनीय प्रयास तथा शिकायत पर प्रधानमंत्री कार्यालय की कार्रवाई कोरबा जिला प्रशासन के मुंह पर एक तमाचा है। कायदे से जिला प्रशासन पर जिले वासियों की और खासकर खदान प्रभावित आबादी की सुरक्षा का जिम्मा होता है। परंतु जिला प्रशासन अपने कर्तव्यों से विमुख होकर कुंभकरण की नींद सोता रहा और एसईसीएल दीपका के अधिकारी गुंडागर्दी के दम पर मलगाँव के लोगों का शोषण करते रहे। मालगांव वासियों द्वारा कोरबा कलेक्टर से भी एसईसीएल दीपका के अधिकारियों की शिकायत की गई थी परंतु उनकी शिकायत पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।
अब जनता को यदि हर छोटी बड़ी समस्या के निराकरण हेतु प्रधानमंत्री कार्यालय पर निर्भर रहना होगा तो फिर स्थानिय प्रशासन का औचित्य ही क्या बनता है। इसमें कोई संदेह नही की मलगाँव में मानवाधीकारों का हनन कोरबा जिला प्रशासन के निकम्मेपन के जीवंत उदाहरण के रूप में याद किया जावेगा।