कोरोना कर्फ्यू के एक वर्ष पूरे, फिर से बढ़ रहे संक्रमण की रफ्तार
कोरबा 22 मार्च। कोविड-19 के संक्रमण को लेकर लगाए गए जनता कर्फ्यू के आज एक वर्ष पूरे हो गए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में कोरोना की नई लहर के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। इसे लेकर कहा जा रहा है कि लोगों को अगले खतरों को समझना होगा और गाइड लाइन का पालन करना होगा। कोरोना संक्रमण की रफ्तार सभी तरफ बढ़ रही है इसे लेकर सभी से अपेक्षा की जा रही है कि वह गंभीरता दिखाए इसके उल्टा कोरबा क्षेत्र में अनेक स्थानों पर लापरवाही का सिलसिला बना हुआ है बिना मास्क लगाएं मिलने वाले लोगों से इस बारे में पूछताछ की जाती है तो वह एक से बढ़कर एक तर्क प्रस्तुत करते हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से पिछले वर्ष लंबे समय तक भारत सहित दुनिया भर में लॉक डाउन की स्थिति रही इस दौर में सभी तरह की आर्थिक गतिविधियां थमी रही कोरोना के चलते बड़ी संख्या में मौतें हुई और लोग संक्रमण की चपेट में भी आए अब जबकि कोरोना से जुड़ी कड़वी यादों को 1 वर्ष पूरा होने जा रहा है तब कोरोना की नई लहर ने फिर से सनसनी फैला दी है सभी तरफ नए मामले आ रहे हैं इसे लेकर अपेक्षा की जा रही है कि लोग अनिवार्य रूप से कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करें इसको उल्ट कोरबा में चौंकाने वाली तस्वीर देखने को मिल रही है। एसईसीएल कालोनी स्थित एक सरकारी स्कूल का जायजा लेने के लिए जब मीडिया टीम पहुंची तो बाहर घूम रहे छात्र बिना मास्क लगाए मिले एक छात्र ने रास्ता बदल दिया और दूसरे ने माना कि उससे गलती हुई है जबकि विद्यालय के एक शिक्षक ने यहां हर कोई नियम का पालन कर रहा है।
बुधवारी बाजार क्षेत्र में भी दृश्य कुछ ऐसा ही था यहां भी मास्क लगाने को लेकर लोग उदासीन नजर आए। ऑटो की सवारी करने वाले लोग भी बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है कैमरा देखने पर किसी ने तुरंत मास्क लगाया तो किसी ने मुंह पर गमछा ढक लिया किसी के पास यह जवाब भी मौजूद था कि मास्क धो दिया गया है तो लगाएं कैसे। इन सब तर्कों के साथ लोगों का यह भी कहना है कि कोरोना का खतरा बढ़ रहा है और वे इसे समझ रहे हैं बातों बातों में लोग यह भी कहते हैं कि दो बारा लाख डाउन हो वह ऐसा नहीं चाहते लेकिन इन लोगों के पास इस बात का जवाब नहीं है कि मास्क लगाने में दिक्कत क्या है। जाहिर है कि जब हर तरफ से लापरवाही का प्रदर्शन होगा तो सरकारी तंत्र को ऐसे मामलों को लेकर कड़ा रुख दिखाना ही होगा