जलस्तर 16 फीट तक नीचे गया, अप्रैल-मई में और नीचे जाएगा
जिले के ड्राइजोन बन सकते हैं कोटा, बिल्हा, बरतोरी और चिल्हाटी
कोरबा 16 मार्च।गर्मी की शुरूआत होते ही कोटा में 16.9 फीट बिल्हा में 14.43 फीट जलस्तर नीचे चला गया है। पिछले साल की तुलना में यह स्थिति सभी जगहों की है जहां भू-जल स्तर गिरा है लेकिन कोटा, बिल्हा, बरतोरी और चिल्हाटी में यह स्थिति अभी से चिंताजनक है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अप्रैल-मई माह में जलस्तर 15 फीट और नीचे जाने का अनुमान है। दो साल पहले तक जिले में बिल्हा, तखतपुर और कोटा में जल स्तर सबसे ज्यादा नीचे गया था लेकिन इस बार तखतपुर की स्थिति में सुधार है जबकि कोटा और बिल्हा में जलस्तर ज्यादा नीचे चला गया है। बिल्हा में सबसे अधिक रबी की फसल बोई जाती है जिससे अधिक संख्या में ट्यूबवेल से पानी का दोहन होने की वजह से जल स्तर नीचे चला जाता है। वर्ष 2020 में मार्च की स्थिति में बिल्हा में जल स्तर 61.33 फीट नीचे चला गया था जबकि वर्तमान में यह 75.76 फीट नीचे चला गया है। कोटा में पिछले साल की तुलना में जलस्तर नीचे जाने का अंतर सबसे अधिक है। वर्ष 2020 में कोटा में 38.70 फीट जलस्तर था जबकि इस साल वर्तमान में 54.89 फीट पर जलस्तर है। यानि पिछले साल से जलस्तर 16.9 फीट नीचे चला गया है।
जलस्तर बनाए रखने ये जरूरी
गांव में दो ट्यूबवेल के बीच दूरी का ध्यान रखना जरूरी है।
शहर व नगर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य करना जरूरी।
नाली के बेसमेंट को कांक्रीट न करते हुए उसे पेवर ब्लॉक का उपयोग करना चाहिए।
गर्मी के दिनों में कम पानी वाली फसलें लगाना चाहिए।
निजी तौर पर घरों में लगे ट्यूबवेल से पानी की बरबादी रोकने के लिए मीटर या सीमित परमिशन कोड लागू करना चाहिए।
पानी के रिचार्ज के लिए अधिक से अधिक संख्या में टैंक का निर्माण होना चाहिए।
पानी की समस्या हो तो टोल फ्री नंबर 1800233ooo8 पर डॉयल करें
बिलासपुर जिले में हैण्डपंप सुधार का विशेष अभियान 15 मार्च से 14 अप्रैल तक चलाया जा रहा है। जिसके तहत पीएचई विभाग द्वारा बंद एवं सुधार योग्य हैण्डपंपों के शतप्रतिशत संधारण के कार्य के साथ-साथ सभी विभागीय पेयजल स्त्रोतों का क्लोरिनेशन कर उसे जीवाणु रहित किया जाएगा। जिले के विकासखण्ड बिल्हा, मस्तूरी, तखतपुर एवं कोटा में किए जाने वाले संधारण कार्य हेतु आज दो संधारण वाहन को कलेक्टर डाॅ. सारांश मित्तर ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता एम.के. मिश्रा तथा सहायक अभियंता एपी वैद्य ने बताया कि पेयजल समस्या के निराकरण हेतु राज्य स्तर पर टोल फ्री नंबर 1800233ooo8 स्थापित है जिस पर आमजन अपनी समस्या दर्ज करा सकते हैं।