दो दशक बाद कोयला दलालों की गुण्डागर्दी का फिर होने लगा आगाज, दीपका पुलिस की कार्यप्रणाली संदिग्ध

कोरबा 12 मार्च। जिले के दीपका थाना क्षेत्र में कोयला दलाल एक बार फिर सिर उठाने लगे हैं। उनका हौसला इतना बुलंद हो चुका है कि वे अब राहगिरों से बदतमीजी करने के साथ जान से खत्म करा देने की धमकी देने से भी नही चुकते।

दीपका-गेवरा करीब दो दशक कोयले की चोरी-तस्करी और अवैध कमाई से चंद दिनों में मालामाल होने वाले नवधनिकों की गुण्डागर्दी और आतंक से मुक्त था। लेकिन अब एक बार फिर इस क्षेत्र में खुले गुण्डागर्दी आरंभ हो गयी है। ऐसा ही एक वाकया गुरूवार की रात दीपका- तिवरता के मध्य हुआ। बतारी मोड़ से दीपका के बीच कोयला परिवहन करने वाले वाहनों की वजह से जाम लग गया था। पाली से दीपिका की ओर चौपहिया वाहन से आ रहे अनेक नागरिक भी जाम में फंस गये। छोटे चौपहिया वाहन सड़क पर दोनोंदिशाओं से मालवाहकों को खड़ा कर लगा दिये गये जाम के मध्य भाग से आगे बढ़ रहे थे। मालवाहकों की दोनों कतारों के बीच पर्याप्त स्थान था। लेकिन तभी शराब के नशे में धुत्त एक व्यक्ति चौपहिया वाहनों को सड़क पर रोक कर उन्हें मालवाहकों के बीच रिक्त स्थान पर वाहन खड़ी करने और मालवाहकों को पहले निकलने देने के लिए कहने लगा। नशे में मदहोश उक्त शराबी से जब कहा गया कि मालवाहकों को उनकी कतार में आगे बढ़ाये। आगे रोक दिये गये वाहनों को रवाना कराये और मध्य भाग से छोटे वाहनों को निकलने दें, तो वह उत्तेजित हो गया। उसने राहगीरों से न केवल दुर्व्यवहार किया बल्कि तुरन्त मोबाईल पर किसी से सम्पर्क कर यह भी कहा कि 20-25 लोग हथियार लेकर तुरन्त आओ। किसी को जान से खत्म करना है। हालांकि राहगीरों की संख्या भी काफी थी और मालवाहक ट्रकों के कुछ लोगों ने उसे वहां से तिवरता की ओर रवाना किया। इसके बाद चौपहिया वाहन आगे बढ़े।

बाद में मालवाहकों के स्टाफ से बात करने पर पता चला कि उक्त शराबी का नाम अशोक है। वह कोयले की दलाली का काम करता है। लोगों ने बताया कि शाम ढलते ही वह सड़क पर निकल आता है और अक्सर ट्रक चालकों तथा राहगीरों
से इस प्रकार दुर्व्यवहार करता है। यह भी बताया गया कि उसने शराबी युवकों का बाकायदा गिरोह बना रखा है, जो पूरे क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन गया है।

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि शराबी के उत्पात के दौरान दीपिका टी आई के विभागीय मोबाईल नंबर- 94791- 93318 पर सम्पर्क का प्रयास किया गया तो घंटी जाती रही, लेकिन काल रिसिव नहीं किया गया। वहीं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री खोमन लाल सिन्हा को मोबाईल पर सूचना दी गयी, तब उन्होंने तत्काल दीपका टी आई को जाम खुलवाने का निर्देश दिया। दीपका टी आई इस दरम्यान किसी हाईड्रा के पलट जाने से जाम लगने और खुद मौके पर होने की बात बाद में कहने लगे। अगर ऐसा था, तब मो मामला और अधिक गंभीर हो जाता है। क्योंकि पुलिस की आस- पास मौजूदगी के बाद किसी शराबी का बेधड़क उत्पात मचाना और हथियार बंद लोगों को मौके पर आने के लिए कहते हुए किसी को जान से खत्म कर देने की धमकी देना, दीपका पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्र चिन्ह लगाता है।

याद रहे कि सन् 1985-1995 के बीच इस क्षेत्र में एक कोयला दलाल आतंक का पर्याय बना हुआ था। तब दीपका क्षेत्र कुसमुण्डा थाना का हिस्सा था। उस वक्त कोरबा जिला नहीं बना था। तब बिलासपुर एस पी के निर्देश पर उक्त कोयला दलाल, जो खुद को कोल माफिया कहता था, उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की गयी थी। इसके बाद दीपिका क्षेत्र का कोई कोयला दलाल दोबारा कोल माफिया बनने की हिम्मत नहीं जुटा पाया था। लेकिन दो-दशक की शांति के बाद कोयला के काले कारोबार से हो रही अकूत कमाई के घमंड में फिर इस क्षेत्र में गुण्डागर्दी का आगाज हो चुका है, ऐसा प्रतीत हो रहा है। इस गुण्डागर्दी पर तुरन्त काबू नहीं पाया गया तो कभी भी कोई गंभीर वारदात हो सकती है।

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