सबसे ज्यादा जैविक खाद का उपयोग करने वाले किसान गोधन मित्र घोषित होंगे

  • कलेक्टर ने जिले के प्रगतिशील किसानों से जैविक खेती प्रोत्साहन के लिए की चर्चा  
  • गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ी गांव की संस्कृति को सहेजने की पहल : कलेक्टर कौशल

कोरबा 03 मार्च 2021. कोरबा जिले मेें जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने विशेष पहल की है। जिले के गौठानों में बनने वाले जैविक खाद और वर्मी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक उपयोग करने वाले किसानों को जिले में गोधन मित्र के रूप में नई पहचान दी जाएगी। इसके साथ ही गोधन मित्र अपने गांव और आसपास के गांवो में भी दूसरे किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करेंगे। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज इस संबंध में जिला पंचायत के सभाकक्ष में सभी विकासखण्डों से आए चिन्हांकित प्रगतिशील किसानों के साथ विशेष चर्चा की। जिला पंचायत के सीईओ श्री कुंदन कुमार की मौजूदगी मंे हुई इस चर्चा में कलेक्टर ने किसानों को जैविक खेती के फायदे बताये साथ ही अधिक से अधिक जैविक खाद का उपयोग खेती किसानी मे करने से गांव के लोगों को रोजगार मिलने और गौठानों को आत्मनिर्भर बनाने की भी बात कही। इस दौरान कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे साथ ही विकासखण्ड मुख्यालयों से सहकारी समितियों के प्रबंधक, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषि एवं सहकारिता तथा उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारी-कर्मचारी भी चर्चा में शामिल हुए।

चर्चा में कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने कहा कि शासन की महत्वकांक्षी गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ी ग्राम्य संस्कृति और गोधन के संरक्षण-संवर्धन की शुरूआत की गई है। इसके तहत ग्रामीणों द्वारा गोबर से गुणवत्तापूर्ण वर्मी कम्पोस्ट तैयार की जा रही हैं जो कि विशुद्ध जैविक खाद है। कलेक्टर ने कहा कि किसान भाई आने वाले खरीफ और वर्तमान गर्मी की फसल में इस खाद का शत प्रतिशत उपयोग करें। कलेक्टर ने कहा कि खेतों में रासायनिक खादो के उपयोग से कई गंभीर बीमारियां होती है। कोरबा जिला औद्योगिक होने से रासायनिक खादों का प्रभाव और भी बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि गौठानों में बनने वाली जैविक खाद का उपयोग करने वाले किसानों को कृषि एवं उद्यान विभाग से मिलने वाली सब्सिडी आदि का लाभ दिया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जैविक खेती को बढ़ावा देने और गौठानों में बने वर्मी कम्पोस्ट खाद का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कृषि और उससे जुड़े अन्य विभागों तथा सहकारिता विभाग के मैदानी अमले को नियमित रूप से गांवो का दौरा करने और किसानों को जैविक खाद उपयोग के फायदे तथा शासकीय योजनाओं की जानकारी देने के भी निर्देश दिए।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री कुंदन कुमार ने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत खरीदे गए गोबर से बने वर्मी खाद बनाकर किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित किया जा रहा है। श्री कुमार ने कहा कि गोधन न्याय योजना में ग्रामीणों की आय में वृद्धि, ग्रामीण महिलाओं के लिए आजीविका संवर्धन एवं जैविक खाद के उपयोग से जनस्वास्थ्य के सुधार का उद्देश्य निहित है। उन्होंने कहा कि किसान खेती में कैमिकल फर्टीलाइजर से मुक्त होकर पूर्णतः जैविक खाद को अपनाएं जिससे अपने साथ ही आने वाली पीढ़ियों का स्वास्थ्य सुरक्षित किया जा सके। उप संचालक कृषि श्री जे.डी. शुक्ला ने रासायनिक खाद एवं जैविक खाद के अंतर, जैविक खाद की विशेषताओं की जानकारी दी। वरिष्ठ उद्यान अधीक्षक श्री टी. आर. दिनकर ने जैविक खाद से किसानों एवं जनसामान्य को होने वाली लाभों के विषय में बताया। बैठक में जिले के सभी विकासखण्डों से आए किसानों ने जैविक खाद के विषय में कई प्रश्न पूछकर अपनी जिज्ञासा शांत की।

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