हर विकासखण्ड के पांच-पांच गौठान बनेंगे स्वावलंबी, मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित करने 15 दिन का समय
- अभी तक की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, आजीविका मिशन के मैदानी कर्मचारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने दिए निर्देश
- समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल हुईं सख्त
कोरबा 03 मार्च 2021. जिले के पांचो विकासखण्डों में पांच-पांच गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में स्थापित कर स्वावलंबी बनाने की धीमी प्रगति पर आज समय सीमा की बैठक में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सख्त रूख दिखाया। कलेक्टर ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और राष्ट्रीय आजीविका मिशन के मैदानी कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश जिला पंचायत के सीईओ को दिए। श्रीमती कौशल ने अगले 15 दिनों में हर विकासखण्ड में पांच-पांच गौठानों को मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे चिन्हांकित गौठानों में महोरा गौठान की तर्ज पर मल्टी एक्टिविटी डोम स्थापित कर महिलाओं को आजीविका की अलग-अलग गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने चयनित 25 गौठानों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होने वाले कच्चे माल के आधार पर ही आजीविका गतिविधियों का संचालन करने, बने उत्पादों के विक्रय की व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने इन गौठानों में आजीविका संबंधी गतिविधियों का संचालन शासन के विभिन्न विभागों की विभिन्न योजनाओं के समन्वय से करने के निर्देश दिए।
बैठक में श्रीमती कौशल ने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन और बिक्री की धीमी गति पर भी नाराजगी जताई तथा अगले 15 दिनों में सभी वर्मी टांको को भरने और बनी खाद की बिक्री शत प्रतिशत सुनिश्चित करने के निर्देश जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए। श्रीमती कौशल ने कौशल विकास मिशन के तहत भी चिन्हांकित गौठानों में महिला समूहों को आजीविका से जुड़ी ट्रेनिंग देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी चिन्हांकित गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत तैयार वर्मी कम्पोस्ट के शत-प्रतिशत विक्रय से जैविक खाद को बढ़ावा देने का अभियान प्रारंभ करने, गौठानों में स्थापित (मल्टी एक्टिविटी सेंटर) बहुउद्देशीय आजीविका केन्द्र में विभिन्न विभागों की योजनाओं का समन्वय करने, किसानों को धान के स्थान पर अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करने को भी कहा। कलेक्टर श्रीमती कौशल ने किसानों को जैविक खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए गर्मी की फसल के दौरान जैविक खाद और रासायनिक खाद के उपयोग से फसल उत्पादन की गुणात्मक तुलना कर किसानों को फर्क दिखाने के लिए कृषि विभाग द्वारा दो प्रकार के प्रदर्शन क्षेत्र लगाने के भी निर्देश दिए।