खदान बंद करना आसान लेकिन नई खदान खोलना बहुत बड़ा कामः हरिद्वार सिंह

कोरबा 16 फरवरी। एटक एसईसीएल के महासचिव एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य कामरेड हरिद्वार सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि खदान बंद करना बहुत ही आसान है लेकिन नई खदान खोलना बहुत बड़ा काम है। एसईसीएल में कोयला खदान लगातार बंद हो रहे हैं और नई खदान नहीं खुल रहे हैं। हसदेव क्षेत्र के अंतर्गत राजनगर ओपनकास्ट को प्रबंधन विगत 3-4 वर्षो से बंद करना चाह रहा था, राजनगर ओपनकास्ट को लेकर कई पत्राचार मेरी ओर से हुए तथा एसईसीएल संचालन समिति की बैठक में कई बार राजनगर ओपनकास्ट को चालू रखने का मेरे द्वारा प्रमुखता से बात उठाया गया। व्यक्तिगत तौर से निदेशक तकनीकी तथा प्रोजेक्ट-प्लांनिंग एसईसीएल बिलासपुर, हसदेव क्षेत्र के जीएम से भी बात हुआ, जिसे सभी ने गम्भीरता से लिया और सकारात्मक भूमिका निभाया। इसके बाद खदान चालू रहा। अभी भी वहां कोयला है जिस पर विचार कर खदान को चालू रखना चाहिए। एसईसीएल प्रबंधन को किसी भी खदान को बंद करने से पहले खदान चालू रहने के सभी पहलुओं पर विचार करना चाहिए। सभी का प्रयास होना चाहिए कि कोई भी खदान बंद ना हो। इसके साथ ही नई कोयला खदानें खोलने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। एसईसीएल पूरे कोल इंडिया में कोयला उत्पादन करने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। एमसीएल उत्पादन में एसईसीएल के समकक्ष खड़ा है। एसईसीएल में खदानें बंद हो रही हैं इसीलिए नई कोयला खदानें खोलने की आवश्यकता है तभी एसईसीएल उत्पादन के क्षेत्र में सिरमौर बना रहेगा।

कामरेड सिंह ने कहा कि कम्पनी में कार्यरत ठेके मजदूरों को किसी भी क्षेत्र में ना तो सही एचपीसी वेज का भुगतान हो रहा है, ना ही न्यूनतम मजदूरी दी जा रही है, ना ही भविष्य निधि जमा हो रहा है, ना ही व्हीण्व्ही स्टेटमेंट जमा करते हुए इनके पीएफ के खाते को अपडेट किया जा रहा है। डिसेंट हाउसिंग में कई जगहों में काम हुआ है और कहीं कहीं गुणवत्ताहीन काम भी हुआ है। इसमें सुधार एवं ध्यान देने की बहुत ही आवश्यकता है। एसईसीएल में तीन सेन्ट्रल हॉस्पिटल हैं, सभी हॉस्पिटल में बहुत सारे चीजों का अभाव है, जिससे कर्मचारियों को बहुत सारे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, सभी हॉस्पिटल को सर्वसुविधा युक्त बनाना चाहिएए रेफ रल व्यस्था को आसान बनाना चाहिए ताकि किसी को भी दिक्कतों का सामना करना ना पड़े। कंपनी को अवसर मिल गया है डॉक्टरों की भर्ती करने का तो डॉक्टरों का तेजी से भर्ती करना चाहिए। डाटा एंट्री ऑपरेटर और क्लर्क की अविलंब भर्ती की जाए ताकि कम्पनी को ज्यादा से ज्यादा स्किल्ड मैनपॉवर मिल पाए। मैनपावर बजट में कई विसंगतियां है जिन्हे दूर करने की आवश्यकता है। इस मुद्दे को प्रबंधन के सामने उठाया भी गया है। आश्रित रोजगार के कई प्रकरण अभी भी स्टेन्डिग कमेटी में विचाराधीन हैं। कई क्षेत्रों में माइनिंग सरदार से ओवरमैन के पद पर विगत 7-8 वर्षो से प्रमोशन नहीं हुआ है। इसी तरह से बहुत सारे मुद्दे हैं जिन पर प्रबंधन को गम्भीरता से विचार कर उनका समाधान करने की आवश्यकता है तभी यह कंपनी कोल इंडिया में प्रथम स्थान पर स्थापित रह सकेगी। यूनियन लगातार इन मांगो को क्षेत्र से लेकर कंपनी तक प्रमुखता से उठा रहा है और उठाते रहेंगे।

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