77 साल की उम्र और कड़कड़ाती ठंड में अलाव के सहारे बेमुद्दत भूख हड़ताल पर बैठे हैं भाजपा विधायक और पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर, प्रशासन को नहीं है परवाह

कोरबा 2 फरवरी।
उम्र- 77 वर्ष। स्थान- सड़क किनारे कुआँभट्ठा, कोरबा। कड़कड़ाती ठंड भरी रात। अलाव का सहारा। बीत गयी पूरी रात। फिर भी जज्बा है कायम। जिले के रामपुर क्षेत्र के भाजपा विधायक और प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री ननकीराम कंवर की भूख हड़ताल जारी है।

श्री कंवर को यूं ही गरीबों का हमदर्द और मसीहा नहीं कहा जाता। इसका एक मिसाल सोमवार को उस वक्त फिर सामने आया, जब कोरबा तहसील का राजस्व अमला शहर के कुआँ भट्ठा मोहल्ले में दो गरीबों की झोपड़ी उजाड़ने के लिए डोजर और पुलिस बल के साथ पहुंचा। मुहल्ले के सैकड़ों लोग एकत्र होकर विरोध करने लगे। पर उनका प्रतिरोध बे-असर रहा। तब लोगों ने भाजपा विधायक व पूर्व गृहमंत्री श्री ननकीराम कंवर से मदद की गुहार लगाई गई। इससे एक दिन पहले भी पीड़ित परिवारों ने उन्हें अपना दुखड़ा सुनाया था। श्री कंवर तुरन्त मौके पर पहुंचे। उन्होंने प्रभावी हस्तक्षेप किया। राजस्व और पुलिस अमल तो ख़ाली हाथ वापस लौट गया, लेकिन श्री कंवर राजनीतिक रसूख के चलते नियम कानून की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ मौके पर ही बेमुद्दत भूख हड़ताल पर बैठ गए।

विधायक और पूर्व गृहमंत्री श्री कंवर सोमवार सुबह 10 बजे से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। लेकिन जिला प्रशासन को इस कार्रवाई की जरा भी परवाह नहीं है। पिछले 24 घण्टे में प्रशासन का कोई भी नुमाइन्दा उनकी सुध लेने मौके पर नहीं पहुंचा है। श्री कंवर ने इस मामले की जानकारी विस्तार के साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को लिखित में देते हुए तहसीलदार को निलंबित करने की मांग की है। श्री कंवर के इस कदम से शहर की झुग्गी बस्तियों में हलचल पैदा हो गई है। लोगों का कहना है कि रसूखदार लोग झुग्गीवासियों को इसी तरह प्रताड़ित कर रहे हैं और उनकी पत्ते पर मिली जमीन तक पर कब्जा कर रहे हैं।

बकौल श्री कंवर, मुर्तजा अंसारी और एक अन्य परिवार जहां निवासरत है, उस भूमि का कूटरचित दस्तावेज तैयार कर कब्जा-करने-कराने का प्रयास उच्च स्तरीय सांठ-गांठ से किया जा रहा है। मामला तहसीलदार कोरबा के न्यायालय में चल रहा था। तहसीलदार की एक पक्षीय कार्रवाई को देखते हुए मुर्तजा अंसारी ने प्रकरण में ट्रांसफर पिटीशन पिछले दिनों दायर किया था। नियमानुसार इसके पश्चात तहसीलदार को प्रकरण में कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार नहीं होता। लेकिन राजनीतिक संरक्षण और दबाव में तहसीलदार ने ट्रांसफर पिटीशन लगने के बाद 30 जनवरी को कब्जा हटाने का आदेश पारित कर दिया। यही नहीं, मुर्तजा अंसारी को निययतः अपील का अवसर भी देना था, लेकिन अपील का अवसर दिये बिना उसके घर पर एक फरवरी से पहले कब्जा हटाने का नोटिस चस्पा कर दिया गया। इतना ही नहीं, एक फरवरी की सुबह कोरबा तहसीलदार सुरेश साहू पुलिस अमला और डोजर मशीन लेकर तोड़ -फोड़ करने के लिए भी मौके पर पहुंच गये। श्री कंवर ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के भाई महावीर अग्रवाल के जमीन का मामला है। तहसीलदार राजनीतिक दबाव में कानून की धज्जी उड़ा रहे हैं। तहसीलदार को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए।

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